Advertisement
29 June 2016

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, डीजल कारों को सशर्त मंजूरी दे सकते हैं

गूगल

प्रधान न्यायाधीश टी.एस. ठाकुर, न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी और न्यायमूर्ति आर भानुमति की पीठ ने कहा, हम पंजीकरण के पक्ष में हैं। हम खास तरह के एक बार देय उपकर लगाने की शर्त पर पंजीकरण के विकल्प को लेकर खुले हैं।

दिल्ली और एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण स्तर को रोकने के लिए कई उपाय पेश करते हुए शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 दिसंबर को दो हजार सीसी और इससे अधिक की इंजन क्षमता वाले डीजल चालित एसयूवी और निजी कारों के पंजीकरण पर 31 मार्च तक प्रतिबंध लगाया था। बाद में पंजीकरण पर प्रतिबंध अगले आदेश तक बढ़ा दिया गया था।

सुनवाई के दौरान, पीठ ने आटोमोबाइल कंपनियों की ओर से पेश गोपाल सुब्रमण्यम और गोपाल जैन जैसे वरिष्ठ अधिवक्ताओं से डीजल कारों तथा एसयूवी के पंजीकरण के समय हरित उपकर लगाने की संभावना तलाशने के लिए कहा। पीठ ने कहा, क्या आप (आटो कंपनियों के वकील) अपने लोगों से इन जानकारियों पर काम करने को कह सकते हैं कि शोरूम दाम आदि के संबंध में इस तरह के वाहनों पर उपकर क्या लगाया जा सकता है। वकीलों ने कहा कि उपकर की राशि पर बात की जा सकती है। जैन ने कहा, हम ठोस प्रस्ताव लेकर आएंगे।

Advertisement

पीठ ने यह भी पूछा कि डीजल वाहनों के लिए कोई तय उत्सर्जन मानक हैं या नहीं। इससे पहले, मर्सिडीज, टोयोटा, महिन्द्रा और जनरल मोटर्स जैसी बड़ी आटोमोबाइल कंपनियों ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर करके इस आदेश में संशोधन का अनुरोध किया था।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: सुप्रीम कोर्ट, डीजल कार, एसयूवी, पंजीकरण, रोक, हरित उपकर, ऑटोमोबाइल कंपनियां
OUTLOOK 29 June, 2016
Advertisement