Advertisement
12 January 2021

सरकार पर सख्त है सुप्रीम कोर्ट, कृषि कानून पर आदेश बन सकता है नजीर

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है। वहीं सरकार के साथ वार्ता के बावजूद कोई समाधान निकलता नहीं दिख रहा है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार के रवैये पर कई सवाल उठाए। अदालत ने कहा कि कृषि कानूनों पर केंद्र और किसानों के बीच जिस तरह से बातचीत चल रही है, उससे वह बेहद निराश हैं। अदालत की ओर से तल्ख टिप्पणियों के बाद संभावना है कि आज शीर्ष न्यायालय इस मसले पर महत्वपूर्ण आदेश जारी कर सकता है।

कल सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने क्या क्या कहा-

-मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र से कहा, "क्या चल रहा है? राज्य आपके कानूनों के खिलाफ विद्रोह कर रहे हैं। हम बातचीत की प्रक्रिया से बेहद निराश हैं"।

Advertisement

-जस्टिस ए एस बोपन्ना और वी रामसुब्रमण्यन वाली पीठ ने कहा, "हम आपकी वार्ताओं पर कोई भटकाव नहीं चाहते हैं, लेकिन हम इस प्रक्रिया से बेहद निराश हैं।"

-शीर्ष अदालत, जो नए कृषि कानूनों के साथ-साथ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन से जुड़े मुद्दों को सुन रही है ने कहा कि फिलहाल इन कृषि कानूनों को निरस्त करने की बात नहीं की जा रही है।

-पीठ ने कहा, "यह एक बहुत ही नाजुक स्थिति है।" पीठ ने कहा, "हमारे सामने एक भी याचिका नहीं है जो कहती है कि ये कृषि कानून फायदेमंद हैं"।

 -चीफ जस्टिस एस ए बोबडे ने किसानों से कहा कि हम कृषि कानून लागू नहीं होने देंगे। आप आंदोलन जारी रख सकते हैं, लेकिन सवाल ये है कि क्या प्रदर्शन वहीं चलेगा, जहां अभी हो रहा है?  

-चीफ जस्टिस  ने कहा कि अगर सरकार ने कृषि कानूनों पर रोक नहीं लगाई, तो हम रोक लगा देंगे। सरकार जिस तरह से इस मामले को ले रही है, उससे हम निराश हैं। उन्होंने कहा कि  हमें नहीं पता कि सरकार की किसानों से क्या बातचीत चल रही है। क्या कृषि कानून कुछ समय के लिए रोके नहीं जा सकते? 

-चीफ जस्टिस ने कहा कि इन दिनों में कई किसानों की मौत हो चुकी है और कई आत्महत्या भी कर चुके हैं।  बुजुर्ग और महिलाएं आंदोलन में शामिल हैं। आखिर चल क्या रहा है? कृषि कानूनों को अच्छा बताने वाली एक भी अर्जी नहीं आई।

  -सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि  अगर कुछ गलत हुआ तो हम सभी जिम्मेदार होंगे। हम नहीं चाहते कि किसी तरह के खूनखराबे का कलंक हम पर लगे। इसके लिए केंद्र सरकार को पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। आप कानून ला रहे हैं, इसलिए आप ही बेहतर समझते हैं।
  
-लंबी बहस के बाद एटर्नी जनरल ने हड़बड़ी में कोई आदेश पारित न करने खंडपीठ से अनुरोध किया, लेकिन न्यायमूर्ति बोबडे ने नाराजगी जताते हुए कहा, “मिस्टर एटर्नी जनरल आप धैर्य को लेकर हमें लेक्चर न दें। हमें जल्दबाजी में क्यों न रोक लगानी चाहिए।”

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Farmers Protest, Supreme Court, Modi government, Farm law, Supreme Court criticised the Centre, कृषि कानून, कृषि, किसान आंदोलन, सुप्रीम कोर्ट, मोदी सरकार
OUTLOOK 12 January, 2021
Advertisement