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21 September 2021

महंत नरेंद्र गिरि की मौत मामले में अब तक तीन हिरासत में, आनंद गिरी पर एफआईआर दर्ज

निरंजनी अखाड़े के महंत और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत मामले में पुलिस ने अब तक तीन लोगों को हिरासत में लिया है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की सोमवार को  संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। प्रयागराज के बाघंबरी मठ के एक कमरे में उनका शव पंखे से लटका मिला। उनके कमरे से सुसाइड नोट बरामद हुआ है।  सुसाइड नोट में  परेशान होने की बात लिखी है जिसमें शिष्य आनंद गिरि समेत कई नामों का जिक्र है।


पुलिस के अनुसार उनके शिष्य योगगुरु आनंद गिरि,  लेटे हुए हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को हिरासत में लिया है। तीनों पर महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा है। आनंद गिरि को हरिद्वार से पुलिस और एसओजी ने गिरफ्तार किया और रात में ही उन्हें पुलिस सड़क मार्ग से यूपी के लिए रवाना हो गई। वहीं प्रयागराज के जार्ज टाउन थाने में इस संबंध में एफआईआर दर्ज की गई है। आईपीसी 306 के तहत यह एफआईआर दर्ज की गई है। आनंद गिरि के खिलाफ एफआईआर नामजद है जिसमें आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है।

उत्तर प्रदेश के एडीजी (क़ानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी की महंत जी ने आत्महत्या की है। सूचना मिलने पर आईजी और उनकी टीम मौके पर पहुंची और उनके शरीर को पंखे से उतारा। हमको मौके से सुसाइड नोट मिला था जिसपर उन्होंने आनंद गिरि तथा दो अन्य लोगों के विरुद्ध आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि तुरंत कार्रवाई करते हुए हमने आनंद गिरि को उत्तराखंड पुलिस की सहायता से हरिद्वार से हिरासत में लिया। एक टीम वहां भेजी जा रही है जो पूर्ण सुरक्षा के बीच उसको लाएगी और आगे की पूछताछ इसमें की जाएगी।

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मामले की गंभीरता को देखते हुए फोरेंसिक टीम और डॉग स्क्वायड से भी जांच कराई गई। हालांकि पुलिस का कहना है कि सुसाइड नोट की फोरेंसिक जांच होगी। वहीं, यूपी सरकार ने इस पूरे मामले को देखते हुए आपात बैठक बुलाई है।

नरेन्द्र गिरि की मौत के मामले में उत्तराखंड पुलिस की मदद से यूपी पुलिस ने आनंद गिरि को हरिद्वार से अपनी हिरासत में ले लिया है। आनंद गिरि ने कहा कि मुझे साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि गुरूजी की हत्या की जांच हो।

नरेंद्र गिरि के निधन की खबर मिलते ही संत समाज में शोक की लहर दौड़ गई। संतों ने इसे हत्या कहते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। नरेंद्र गिरि के निधन की सूचना मिलते ही पीएम मोदी, सीएम योगी समेत तमाम लोगों ने दुख जताया और अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

पीएम मोदी ने शोक जताते हुए कहा, “अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री नरेंद्र गिरि जी का देहावसान अत्यंत दुखद है। आध्यात्मिक परंपराओं के प्रति समर्पित रहते हुए उन्होंने संत समाज की अनेक धाराओं को एक साथ जोड़ने में बड़ी भूमिका निभाई। प्रभु उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें। ॐ शांति!!”

एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि शाम करीब साढ़े पांच बजे नरेंद्र गिरि के एक शिष्य ने घटना की जानकारी दी। मौके पर पहुंचकर पुलिस ने कमरे का दरवाजा तोड़कर शव को कब्जे में लिया। मठ में लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई। आश्रम के शिष्यों को भी किसी चीज को छूने या इधर उधर करने पर रोक लगा दी गई।

पुलिस ने कहा है कि उनके कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें शिष्य आनंद गिरि का जिक्र है। सुसाइड नोट वसीयत की तरह है। सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा कि आश्रम के बारे में क्या करना है और वसीयत नामा भी लिखा है। वसीयतनामे में लिखा है कि किसका ध्यान रखा जाना है। किस को क्या दिया जाना है। सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा है कि मैंने आत्महत्या की है क्योंकि वे अपने शिष्य से दुखी थे। प्रयागराज आईजी के.पी. सिंह ने कहा कि प्रथम दृष्टया ये सुसाइड का मामला लग रहा है। 

महंत गिरि की मौत दुखद, जांच की जरूरत: इंद्रेश कुमार

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत पर राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (आरएसएस) के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने महंत नरेंद्र गिरि की मौत को काफी दुखद एवं विचलित करने वाला बताया। इंद्रेश कुमार ने कहा कि आध्यात्मिक परंपराओं के प्रति समर्पित रहते हुए महंत गिरि ने संत समाज की अनेक धाराओं को एक साथ जोड़ने में बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वरिष्ठ आरएसएस नेता ने महंत गिरि की विवादास्पद मौत पर सवाल उठाते हुए जांच कराए जाने की जरूरत बताया।

संतो की रक्षा में नाकाम यूपी सरकारः कांग्रेस

कांग्रेस ने निशाना साधते हुए कहा कि यूपी सरकार संतों की रक्षा करने में असमर्थ है। रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट करते हुए कहा, “संतों महन्तों की सर्वोच्च संस्था अखाड़ा परिषद के आदरणीय महंत नरेंद्र गिरी जी की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हृदयविदारक है। श्रद्धांजलि। क्या ये आत्महत्या है या सुनियोजित हत्या? उत्तर प्रदेश भाजपा की ये कैसी सरकार है जो देश के संतों महंतों की रक्षा करने में भी समर्थ नहीं?”

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TAGS: Niranjani Akhara, All India Akhara Parishad, Narendra Giri, निरंजनी अखाड़ा, अखाड़ा परिषद, नरेंद्र गिरी, आनन्द गिरी
OUTLOOK 21 September, 2021
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