महबूबा मुफ्ती के बाद अब्दुल्ला ने भी कहा, नहीं छीनने देंगे कश्मीर का विशेष दर्जा
जम्मू-कश्मीर में 10 हजार अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की तैनाती और अनुच्छेद 35ए हटाने की खबरों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के बाद नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने भी राज्य के दर्जे में किसी भी तरह के बदलाव का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी राज्य की आबादी में कोई भी बदलाव नहीं होने देगी। पार्टी राज्य के विशेष दर्जे को खत्म करने के किसी भी प्रयास का भी विरोध करेगी।
पीडीपी पर आरोप लगाया अब्दुल्ला ने
अब्दुल्ला ने कहा कि राज्य का विशेष दर्जा उन ताकतों की आंखों में खटक रहा है जो राज्य की अखंडता और पहचान को पसंद नहीं करती हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इन पीडीपी ने ही फासीवादी ताकतों को राज्य में पनपने का अवसर दिया। ये ताकतें राज्य के बहुलतावादी माहौल को बिगाड़ना चाहते हैं। ये लोग राज्य की विशेष पहचान और अखंडता के दुश्मन हैं।
35ए के साथ छेड़छाड़ बारूद से खेलने जैसाः महबूबा
इससे पहले पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ता ने कहा कि 35ए के साथ छेड़छाड़ करना बारूद को हाथ लगाने के बराबर होगा। उन्होंने कहा, जो हाथ 35ए के साथ छेड़छाड़ करने के लिए उठेंगे, वो हाथ ही नहीं वो सारा जिस्म जल के राख हो जाएगा। बता दें कि जम्मू-कश्मीर की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) आज यानी रविवार को अपना 20वां स्थापना दिवस मना रही है।
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हम अपनी आखिरी सांस तक कश्मीर की रक्षा करेंगे। पीडीपी कभी समाप्त नहीं होगी। आज बारिश में हमारे कार्यकर्ता अपना पैसा खर्च करके दूर दराज से आए हैं। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर के लिए शहीद हुए लोगों को याद करने की आवश्यकता है। हमें एक बड़ी लड़ाई के लिए तैयार रहने की जरूरत है। चुनाव आते हैं और चले जाते हैं लेकिन असली लड़ाई जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे के लिए लड़ना है। हम राज्य की स्थिति को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे।
महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'हमने उनसे (केंद्र सरकार) कहा कि दिनेश्वर शर्मा को मध्यस्थ बनाया जाए। हमने रमजान में संघर्ष विराम सुनिश्चित कराया। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। हमें अच्छे नतीजों की उम्मीद थी लेकिन दूसरे पक्ष से ऐसा कुछ नहीं हुआ।'
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि 'अपने पास जो है उसे कश्मीरियों को रक्षा करनी चाहिए। हमारे पास संविधान है, हमारे पास ऐसा दर्जा है जिससे बाहरी लोग यहां प्रॉपर्टी नहीं खरीद सकते। आज हालत ऐसी है कि घाटी में डर का माहौल है, जम्मू कश्मीर बैंक को समाप्त कर दिया गया। धीरे धीरे वे सबकुछ खत्म करना चाहते हैं। उमर कहते हैं कि दिल्ली को 35ए में दखलंदाजी नहीं करनी चाहिए बल्कि सुप्रीम कोर्ट को यह मामला देखना चाहिए। हम दिल्ली से कहना चाहते हैं कि 35ए से छेड़छाड़ बारूद को छूने जैसा है।'
10 हजार अतिरिक्त बलों की तैनाती
मोदी सरकार ने शनिवार को कश्मीर में अर्धसैनिक बलों के 10 हजार अतिरिक्त जवान तैनात करने का फैसला किया था। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के दो दिन के जम्मू-कश्मीर दौरे के बाद यह खबर आई थी। गृह मंत्रालय के अनुसार यह तैनाती आतंकवाद विरोधी ग्रिड मजबूत करने, पाक के आतंकी हमलों के खतरों से निपटने और कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए की जा रही है। अर्द्धसैनिक बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियों में 50 सीआरपीएफ, 30 सशस्त्र सीमा बल और 10-10 बीएसएफ और आईटीबीपी की होंगी। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि यह जवान उत्तरी-कश्मीर में तैनात होंगे।