ग्रामीण क्षेत्रों के लिए केंद्र की नई गाइडलाइन- टेस्टिंग-ट्रेसिंग पर जोर, कोविड केयर सेंटर बनाने के निर्देश; चपेट में सैकड़ों गांव
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने अब देश के गावों की तरफ रूख कर दिया है। बड़ी संख्या में ग्रामीण आबादी प्रभावित हो रही है। गांव-गांव में संक्रमण और इसकी वजह से मौत के मामले सामने आ रहे हैं। केंद्र ने एहतियातन इसे लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। रविवार को जारी की गई गाइडलाइन में सख्त दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। केंद्र ने ग्रामीण आबादी को संक्रमित होने से बचाने के लिए ये कदम उठाया है। देश की आधी से अधिक आबादी आज भी गांव में रहती है।
ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वायरस के प्रसार के मद्देनजर नए दिशानिर्देश जारी करते हुए सरकार ने कहा है कि अब धीरे-धीरे अर्थ-ग्रामीण, ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में कोरोना का फैलाव देखा जा रहा है, जिसे रोकने की सख्त जरूरत है।
जारी दिशानिर्देश के मुख्यबिंदु...
>> सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा टेलीकंसल्टेशन से संक्रमण कै फैलाव और ऑक्सीजन की कमी को लेकर कोविड सेंटर्स अलॉट करने की सिफारिश करें।
>> सामुदायिक अधिकारियों को एंटीजन टेक्स की ट्रेनिंग, और आरएटी किट को स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध कराए जाएं।
>> टेस्ट ना होने तक मरीज को होम आइसोलेट करने की व्यवस्था।
>> जिन मरीजों में कम लक्षण है उनमें कोरोना का खतरा ज्यादा, इसलिए उन्हें दूरी बनाकर और मास्क लगाए रहने की जरूरत।
>> कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग किया जाए। इसके लिए इंटीग्रेटेड सर्विलेंस प्रोग्राम्स की गाइडलाइन का पालन करने की जरूरत
>> ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड सेंटर्स बनाए जाने के निर्देश
>> इसके लिए प्राइमरी हेल्थ सेंटर्स, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर की निगरानी में कोविड केयर सेंटर, स्कूल, कम्युनिटी हॉल, मैरेज हॉल और पंचायत के भवनों में बनाने के निर्देश
जारी दिशानिर्देशों में हर गांव में, ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता और पोषण समिति (वीएचएसएनसी) की मदद से आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी स्तर पर इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी / गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (आईएलआई / एसएआरआई) के लिए सक्रिय निगरानी की जानी चाहिए।
केंद्रीय स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा है कि इन क्षेत्रों में कोविड -19 के खिलाफ जंग को तेज करने के लिए समुदायों को सक्षम करने और सभी स्तरों पर प्राथमिक स्तर के स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की जरूरत है।