उल्फा नेता अनूप चेतिया को बांग्लादेश ने किया भारत के हवाले
अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन को इंडोनेशिया से कुछ दिन पहले प्रत्यर्पित कर भारत लाए जाने के ठीक बाद यह अहम घटनाक्रम हुआ है। सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी के व्यक्तिगत हस्तक्षेप पर इस उग्रवादी नेता को बांग्लादेश ने बुधवीर की सुबह भारतीय अधिकारियों को सौंपा। 48 वर्षीय चेतिया प्रतिबंधित यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) का संस्थापक महासचिव है। वह हत्या, अपहरण, बैंक डकैती और फिरौती के मामलों में वांछित था। हाल ही में 27 साल से फरार अंडरवल्र्ड डाॅन छोटा राजन को कुछ दिन पहले भारत लाए जाने के बाद यह अहम घटनाक्रम हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से बात कर उल्फा के शीर्ष नेता अनूप चेतिया को सौंपने के लिए उनको धन्यवाद दिया।
बताया जा रहा है कि शेख हसीना सरकार ने बांग्लादेशी सरजमीं से भारत विरोधी ताकतों को संचालित होने की इजाजत नहीं देने की अपनी नीति का अनुसरण करते हुए व्यक्तिगत तौर पर यह फैसला लिया। इस कार्य में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल की सक्रिय भागीदारी रही है। चेतिया का मूल नाम गोलप बरूआ है। भारत पिछले दो दशक से भी अधिक समय से चेतिया को सौंपे जाने की मांग कर रहा था लेकिन बांग्लादेश की सरकारें किसी प्रत्यर्पण संधि के न होने का हवाला देते हुए सहयोग करने से इनकार करती आई थीं। सूत्रों ने जानकारी दी है कि 1990 के दशक के शुरू में भारत से फरार होने के बाद से चेतिया बांग्लादेश में था। हालांकि, उसे मार्च 1991 में गिरफ्तार किया गया था लेकिन असम के तत्कालीन मुख्यमंत्री हितेश्वर सैकिया ने उसे जेल से रिहा कर दिया जिसके बाद वह भारत से भाग गया था।