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05 February 2020

दिल्ली चुनाव से पहले ट्विटर का कदम- फर्जी, मनगढ़ंत ट्वीट डालने पर होगी बड़ी कार्रवाई

दिल्ली चुनाव से पहले रोजाना राजनीतिक बखेड़ा खड़ा करने वाली ट्वीट पर नकेल लगाने की तैयारी की गई है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर ने कहा है कि गुमराह करने वाले फर्जी और मनगढ़ंत सूचनाओं वाली ट्वीट को चिन्हित करके यूजर्स को इनके प्रति आगाह किया जाएगा। अगर ऐसे ट्वीट समाज की सुरक्षा और मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए पोस्ट किए गए हैं तो उन्हें हटाया भी जा सकता है। दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

इस तरह फेक पोस्ट रोकने की तैयारी

ट्विटर ने ट्वीट करके कहा कि फर्जी पोस्ट रोकने के लिए दूसरे प्रयासों के तहत यूजर्स को इस तरह की किसी पोस्ट को रिट्वीट या लाइक करने से पहले चेतावनी दी जाएगी। फर्जी और मनगढ़ंत पोस्ट और डीप फेक वीडियो की सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर भरमार होने और उसके समाज पर नकारात्मक प्रभाव को देखते हुए पूरी दुनिया में चिंता व्यक्त की जा रही है। इस वजह से ट्विटर और फेसबुक सहित अधिकांश सोशल मीडिया प्लेटफार्म सख्ती करने के लिए आगे आए हैं।   

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रिट्वीट या लाइक न करने की सलाह देगी

ट्विटर ने अपने ताजा ब्लॉग पोस्ट में कहा है कि अगर उसे लगता है कि ट्विटर पर डाली गई पोस्ट फर्जी या मनगढंत हैं तो वह उसे अलग तरह से दर्शाएगी यानी उसे ट्विटर यूजर्स आसानी समझ जाएंगे कि वह पोस्ट तथ्यपरक नहीं है। इससे उन्हें ऐसी पोस्ट रिट्वीट या लाइक न करने के लिए आगाह किया जाएगा। नए नियम के अनुसार ट्विटर ऐसे पोस्ट को कम विजिबल बना सकती है और अतिरिक्त जानकारी देकर उसे आगे वायरल होने से रोक सकती है।

फर्जी ट्वीट पर अंकुश पांच मार्च से

ट्विटर का कहना है कि उसकी टीम 5 मार्च 2020 से फर्जी ट्वीट को अलग तरह के दर्शाना (लेबलिंग करना) शुरू कर देगी। किसी पोस्ट के फर्जी या मनगढ़ंत होने का फैसला करने के लिए ट्विटर उसके गठन और क्रमिकता पर गौर करेगी। फर्जी पोस्ट इस तरह से आसानी से पहचाने जा सकते हैं। इसी तरह ट्विटर वीडियो और ऑडियो पोस्ट को भी पूरी तरह खंगालेगी और फर्जी पाए जाने पर आवश्यक कदम उठाएगी।

नुकसान पहुंचाने वाले ट्वीट पर सख्ती

ट्विटर ने कहा है कि उसकी पॉलिसी के तहत आपत्तिजनक पोस्ट हटाए जा सकते है अगर पोस्ट नुकसान पहुंचाने वाले हैं। नुकसान की तय परिभाषा में किसी व्यक्ति, समूह की सुरक्षा को खतरा, हिंसा फैलने और शांति व्यवस्था भंग होने, किसी व्यक्ति या समूह की निजता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, सामाजिक गतिविधियों में भागीदारी और मतदाताओं पर दबाव पड़ने की आशंका शामिल है।

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TAGS: Twitter, misleading content, voter, deepfake videos, social media
OUTLOOK 05 February, 2020
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