हाथरस गैंगरेप FSL रिपोर्ट पर सवाल उठाने वाले अलीगढ के दो डॉक्टर बर्खास्त, CBI के अस्पताल दौरे के एक दिन बाद हटाए गए
उत्तर प्रदेश हाथरस गैंगरेप मामले में एफएसल रिपोर्ट पर सवाल उठाने वाले अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के चीफ मेडिकल ऑफिसर (सीएमओ) डॉक्टर अजीम मलिक को उनके पद से हटा दिया गया है। साथ ही उनके साथी डॉक्टर ओबेद हक़ के खिलाफ भी कार्रवाई करते हुए उन्हें उनके पद से हटा दिया गया है। हाथरस कथित गैंगरेप पीड़िता की एमएलसी रिपोर्ट भी डॉ. अजीम की टीम ने बनाई थी। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि इसका हाथरस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। इन डॉक्टरों को अस्थायी तौर पर रखा गया था।
5 अक्टूबर को डॉ. अज़ीम मलिक ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को बताया था, "महिला द्वारा कथित रूप से बलात्कार के 11 दिन बाद नमूने एकत्र किए गए थे, जबकि सरकारी दिशानिर्देशों में सख्ती से कहा गया है कि घटना के 96 घंटे बाद तक ही फॉरेंसिक सबूत ही मिल सकते हैं।"
मलिक के अलावा ओबैद हक को अस्पताल द्वारा एक समान पत्र जारी किया गया है। जबकि मलिक ने पुलिस के दावे का खंडन किया था जबकि हक ने महिला की मेडिको-लीगल केस रिपोर्ट को देखा था।
अस्पताल के 11 सीएमओ में से 6 को कोरोनो वायरस के अनुबंध के बाद मलिक को अस्थायी सीएमओ नियुक्त किया गया। उनका कार्यकाल नवंबर तक बढ़ने की उम्मीद थी, लेकिन अचानक समाप्त कर दिया गया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक टीम द्वारा हाथरस गैंगरेप मामले के संबंध में अस्पताल का दौरा करने के एक दिन बाद उन्हें पद से हटा दिया गया।