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25 October 2024

यूक्रेन, पश्चिम एशिया संघर्ष चिंता का विषय, भारत शांति के लिए काम करने को तैयार: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि यूक्रेन और पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्ष चिंता का विषय हैं और भारत शांति बहाली के लिए हर संभव योगदान देने को तैयार है।

उनकी यह टिप्पणी जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ के साथ वार्ता के बाद आई, जिन्होंने भारत से यूक्रेन में लंबे समय से चल रहे संघर्ष का राजनीतिक समाधान खोजने में योगदान देने का आह्वान किया।

मोदी ने जर्मनी की यात्रा पर आए जर्मन चांसलर के साथ सातवें अंतर-सरकारी परामर्श के बाद कहा, "यूक्रेन और पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्ष दोनों देशों के लिए चिंता का विषय हैं। भारत का हमेशा से यह मानना रहा है कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता। भारत शांति बहाली के लिए हर संभव योगदान देने के लिए तैयार है।"

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मोदी ने कहा कि वह और ओलाफ इस बात पर सहमत हैं कि 20वीं सदी में स्थापित वैश्विक मंच 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने के लिए अपर्याप्त थे। प्रधानमंत्री ने कहा, "संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सहित बहुपक्षीय संस्थाओं में सुधार की आवश्यकता है।"

इससे पहले, आईजीसी की शुरुआत करते हुए, भारत और जर्मनी के बीच रणनीतिक साझेदारी ऐसे समय में एक मजबूत आधार के रूप में उभरी है, जब विश्व तनाव, संघर्ष और अनिश्चितता का सामना कर रहा है।

मोदी ने कहा कि भारत-जर्मनी संबंध दो सक्षम और मजबूत लोकतंत्रों के बीच परिवर्तनकारी साझेदारी है, न कि लेन-देन वाला रिश्ता।

उन्होंने कहा, "विश्व तनाव, संघर्ष और अनिश्चितता के दौर से गुजर रहा है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कानून के शासन और नौवहन की स्वतंत्रता को लेकर गंभीर चिंताएं हैं। ऐसे समय में भारत और जर्मनी के बीच रणनीतिक साझेदारी एक मजबूत आधार बनकर उभरी है।"

प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि यह स्कोल्ज़ की तीसरी भारत यात्रा थी और यह भारत और जर्मनी के बीच मैत्री का "तिहरा उत्सव" था।

उन्होंने कहा, "बर्लिन में 2022 में हुई पिछली आईजीसी में हमने अपने द्विपक्षीय सहयोग के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए थे। दो वर्षों में हमारे रणनीतिक संबंधों के विभिन्न क्षेत्रों में उत्साहजनक प्रगति हुई है। रक्षा, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, हरित और सतत विकास जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा है जो आपसी विश्वास के प्रतीक बन गए हैं।"

मोदी ने जर्मनी द्वारा घोषित 'भारत पर ध्यान' रणनीति का भी स्वागत किया।

उन्होंने कहा, "मुझे खुशी है कि अपनी साझेदारी को विस्तारित करने और उसे आगे बढ़ाने के लिए हम कई नई और महत्वपूर्ण पहल कर रहे हैं तथा 'संपूर्ण सरकार' से 'संपूर्ण राष्ट्र' के दृष्टिकोण की ओर बढ़ रहे हैं।"

आईजीसी ढांचे की शुरूआत 2011 में की गई थी और यह विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग की व्यापक समीक्षा और सहभागिता के नए क्षेत्रों की पहचान करने की अनुमति देता है।

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TAGS: Ukraine russia war, west asia conflicts, pm narendra modi, india
OUTLOOK 25 October, 2024
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