उमा भारती गंगा किनारे वनरोपण योजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट जारी करेंगी
गंगा संरक्षण कार्यक्रम के एक हिस्से के तौर पर पूरी गंगा नदी के किनारे पेड़ लगाने (वानिकी हस्तक्षेप) की योजना है। इस प्रक्रिया में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय के तहत गठित स्वच्छ गंगा राष्ट्रीय मिशन ने (एनएमसीजी) फोरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट (एफआरआई), देहरादून को यह जिम्मेदारी दी है कि वह वानिकी हस्तक्षेप के बारे में एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करे। एफआरआई को यह जिम्मा, अप्रैल 2015 में दिया गया था।
एफआरआई ने विस्तृत परियोजना रिपोर्ट का मसौदा एनएमसीजी को 16 फरवरी, 2016 को सौंप दिया था। इसके बाद जल संसाधन मंत्रालय ने इस बारे में अपनी मंजूरी देते हुए एफआरआई को इस रिपोर्ट को अंतिम रूप देने और इसमें एऩएमसीजी/मंत्रालय की विशेष टिप्पणियों और सुझावों को शामिल करने को कह दिया। अंतिम विस्तृत परियोजना रिपोर्ट केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर और केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्य मंत्री प्रोफेसर सांवरलाल जाट की उपस्थिति में जारी होगी।
इस संबंध में हाल में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें पांच भागीदार राज्यों ( उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल ) के वरिष्ठ अधिकारियों ने अपनी-अपनी सरकारों का प्रतिनिधित्व किया। इसमें संबंधित राज्यों के वन विभागों, पर्यावरणविदों, वैज्ञानिकों, इको टास्क फोर्स के प्रतिनिधियों, नेहरू युवा केंद्र संगठन और सिविल सोसाइटी संगठनों को भी आमंत्रित किया गया था।