योगी की सौगात : 2.15 करोड़ किसानों का 30729 करोड़ का कर्जा माफ
फैसले के बाद सरकार को किसानों के इस कर्ज की भरपाई खुद करनी होगी।
शपथ ग्रहण के 16 दिन बाद हुई पहली कैबिनेट बैठक में ही सरकार ने यह फैसला लेकर अपनी लोकप्रियता में और इजाफा किया है। योगी सरकार में दो मंत्री श्रीकांत शर्मा और सिद्धार्थनाथ सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में कैबिनेट के फैसले की जानकारी दी।
श्रीकांत शर्मा ने कहा कि सभी जिला अधिकारियों को आदेश जारी किए गए हैं कि अगर किसी जिले में किसानों की ज्यादा मांग है, तो उस जिले में और भी गेहूं खरीद केंद्र खोले जाएं। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में 5000 गेहूं खरीद के केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिसकी मॉनिटरिंग मुख्यमंत्री जी करेंगे। गेंहू की बंपर फसल हुई है इसलिये 80 लाख टन खरीद का लक्ष्य रखा गया है। समर्थन मूल्य का पैसा सीधा किसानों के खाते में जाएगा। बिचोलिए खत्म होंगे।
योगी कैबिनेट के अन्य फैसलों की जानकारी सिद्धार्थनाथ सिंह ने दी। सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सिंगल विंडो के माध्यम से अच्छी उद्योग नीति की शुरुआत होगी, रोजगार के लिए युवाओं को बाहर ना जाना पड़े इसके लिए काम होगा। मंत्रियों का एक समूह अलग-अलग राज्यों में जाकर वहां की उद्योग नीतियों को समझेगा। यहां पर सिंगल विंडो नीति का निर्माण होगा दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में ये मंत्रियों का समूह बनेगा। पूंजी निवेश पर जोर रहेगा। अवैध बूचड़खाने नहीं चलाए जाएंगे। 26 अवैध बूचड़खाने बंद किए गए हैं।
गौर हो कि यूपी में 92 प्रतिशत किसान छोटे और सीमांत के दायरे में हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक 62,000 करोड़ रुपए का कर्ज किसान लौटा नहीं पाए हैं। वित्त विभाग के एक प्रवक्ता के अनुसार भाजपा के लोक कल्याण संकल्प पत्र-2017 में ऐसी अनेक प्रतिबद्धताएं हैं जिन्हें पूरा करने के लिये सरकार को काफी वित्तीय बोझ उठाना पड़ेगा। यूपी सरकार को अपने चुनावी वादों को अमली जामा पहनाने में आगे भी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
प्रवक्ता के मुताबिक किसानों की कर्जमाफी के फलस्वरूप माफ की गई धनराशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा बैंकों को किया जाएगा। इसके लिए अतिरिक्त कर्ज की आवश्यकता के मद्देनजर राज्य सरकार केन्द्र से अतिरिक्त ऋण के लिये किये जाने वाले बन्ध पत्रों की धनराशि तथा उस पर लगने वाले ब्याज को एफआरबीएम एक्ट के अन्तर्गत निर्धारित कर्ज सीमा से बाहर रखने का अनुरोध करेगी। प्रदेश में इस वक्त लगभग दो करोड़ 30 लाख किसान हैं। प्रदेश में लघु एवं सीमान्त कृषकों की कुल संख्या 2.15 करोड़ है।
भाजपा ने अपने चुनाव घोषणापत्र में इसका वादा किया था और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी हर चुनावी सभा में जनता को भरोसा दिलाया था कि प्रदेश में पार्टी की सरकार बनने के बाद कैबिनेट की पहली ही बैठक में वह प्रदेश का सांसद होने के नाते किसानों का कर्ज माफ करवाएंगे।