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17 June 2016

शीर्ष अदालत बोली, मांं-बाप के हमलावरों पर बच्‍चों का बल प्रयोग हो सकता है कानूनी

गूगल

इस घटना में इन बच्चों के पिता की बाद में मौत हो गई थी। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति शिवकीर्ति सिंह की पीठ ने कहा, अगर अपीलकर्ताओं ने अपने माता-पिता पर हमला होते हुए देखा तो वे कानूनी रूप से बल के प्रयोग के अधिकार का दावा कर सकते हैं और जबकि वास्तव में यह देखा गया कि इस हमले और चोट के कारण उनके पिता की बाद में मौत हो गई। शीर्ष अदालत ने कहा कि जब अभियोजन ने घटना होने की उत्पत्ति और मूल को दबाया तो एकमात्रा संभव कार्यवाही आरोपियों को संदेह का लाभ देना है।

शीर्ष अदालत ने गैरइरादतन हत्या के प्रयास के दोषी ठहराए गए राजस्थान के निवासी भाइयों की दोषसिद्धि और दो साल की सजा निरस्त की। निचली अदालत ने दो लोगों को हत्या के प्रयास के अपराध के लिए दोषी ठहराया था लेकिन राजस्थान उच्च न्यायालय ने उन्हें गैरइरादतन हत्या के प्रयास का दोषी ठहराया था। अपनी दोषसिद्धि को चुनौती देते हुए दोनों लोगों ने दावा किया था कि अभियोजन का मामला झूठा है और उन्होंने अपने बचाव में गवाह पेश करके यह दिखाया था कि अभियोजन पक्ष के सदस्यों ने उनके पिता की पिटाई की थी जिससे उनकी मौत हो गई थी। इस घटना में उनकी मां और अन्य को भी चोटें लगी थीं जो डाक्टर द्वारा साबित हुई थीं।

 

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TAGS: उच्चतम न्यायालय, माता-पिता, पीटने, आरोपी, बरी, children, assaulted, Supreme Court
OUTLOOK 17 June, 2016
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