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22 October 2017

रेप पीड़िता की चुप्पी यौन संबंध की सहमति का प्रमाण नहीं: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक गर्भवती महिला का बलात्कार करने के लिए एक व्यक्ति को मिली 10 साल जेल की सजा बरकरार रखते हुए कहा कि पीड़िता की चुप्पी को यौन संबंध बनाने के लिए सहमति देने के सबूत के तौर पर नहीं माना जा सकता। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल ने बलात्कार के दोषी व्यक्ति के बचाव पक्ष की इस दलील को खारिज कर दिया कि घटना के बारे में पीड़िता की चुप्पी यौन संबंध बनाने के लिए उसकी सहमति का सबूत है।

हाईकोर्ट ने कहा, आरोपी के बचाव की इस दलील का कोई आधार नहीं है कि पीड़िता ने उसके साथ यौन संबंध बनाने की सहमति दी थी जो कि घटना के बारे में उसके मौन से साबित होता है। चुप्पी को यौन संबंध बनाने की सहमति के सबूत के तौर पर नहीं माना जा सकता और पीड़िता ने भी कहा था कि उसे आरोपी ने धमकी दी थी। अदालत ने कहा, इसलिए सहमति के बिना यौन संबंध बनाना बलात्कार माना जाएगा। उच्च न्यायालय ने मुन्ना को दोषी करार देने और 10 साल जेल की सजा सुनाने के निचली अदालत के वर्ष 2015 के फैसले को बरकरार रखा।

क्या था मामला?

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उस समय मुन्ना 28 साल का था और उसने बार-बार 19 वर्षीय महिला के साथ बलात्कार किया। उच्च न्यायालय ने अपहरण के अपराध में मुन्ना को बरी करने के निचली अदालत के फैसले को भी कायम रखते हुए कहा कि महिला के इस बयान को लेकर विसंगतियां हैं कि वह कैसे दिल्ली पहुंची। साथ ही उच्च न्यायालय ने मुन्ना और सह आरोपी सुमन कुमार को इस आरोप से भी बरी करने के फैसले को बरकरार रखा कि उन्होंने महिला को देह व्यापार के धंधे में ढकेलने का प्रयास किया। महिला ने आरोपियों पर यह आरोप लगाया था। उच्च न्यायालय मुन्ना की अपनी दोषसिद्धी और सजा के खिलाफ की गई अपील पर सुनवाई कर रहा था। महिला के अनुसार, वह दिसंबर 2010 में उत्तर प्रदेश से दिल्ली आई थी और उसकी मुलाकात मुन्ना तथा कुमार से हुई जिन्होंने उसे काम दिलाने का कथित तौर पर झांसा दिया। उसने आरोप लगाया कि मुन्ना उसे हरियाणा में पानीपत ले गया जहां उसे करीब दो महीने तक एक फ्लैट में बंद करके रखा गया और उसने बार-बार उससे बलात्कार किया। महिला ने यह भी आरोप लगाया कि उसे धमकी दी गई कि यदि उसने भागने की कोशिश की गई तो उसे मार दिया जाएगा। बाद में मुन्ना उसे उत्तर प्रदेश के नोएडा में कुमार के फ्लैट में लेकर गया और वहां से वे उसे दिल्ली के शास्त्री पार्क में एक अन्य फ्लैट में लेकर गए। महिला ने पुलिस को यह भी बताया कि एक अप्रैल 2011 को जब कुमार को पता चला कि मुन्ना ने उसकी गैरमौजूदगी में उसके साथ बलात्कार किया है तो दोनों के बीच लडाई हुई और कुमार ने पुलिस को फोन कर दिया।

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TAGS: Victim, silence, rape, not proof, consent, Delhi high court
OUTLOOK 22 October, 2017
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