माल्या ने अदालत से कहा, भारत आना चाहता हूं, पर पासपोर्ट रद्द है
माल्या फिलहाल लंदन में हैं और उन्होंने फेमा उल्लंघन मामले में समन से बचने के आरोप में दर्ज मामले में मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सुमित दास की अदालत में यह बात कही। वकील के माध्यम उन्होंने यह भी कहा कि वह पासपोर्ट रद्द के आदेश को हटवाने को लेकर हर संभव प्रयास कर रहे हैं। अदालत ने नौ जुलाई को माल्या को व्यक्तिगत उपस्थिति से दी गयी छूट रद्द कर दी और उन्हें अपने समक्ष आज उपस्थित होने को कहा था। माल्या के अधिवक्ता अदालत के समक्ष आवेदन देकर माल्या को आज के लिये व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट देने का अनुरोध किया और भेजे गये ई-मेल की प्रति सौंपी। उन्होंने यह ई-मेल अपने वकील को भेजा था। ई-मेल में कहा गया है, मैं आपसे (वकील) यह संदेश न्यायाधीश को देने का अनुरोध करता हूं कि मैं उनके प्राधिकार तथा देश की न्यायिक प्रणाली का काफी सम्मान करता हूं।
उन्होंने लिखा है, हालांकि मौजूदा हालात में, न्यायाधीश के आदेश के पालन करने के बेहतर मकसद के बावजूद मैं इस समय भारत लौटने में अक्षम हूं। मैं अपने पासपोर्ट को रद्द करने के भारतीय पासपोर्ट प्राधिकरण के फैसले को हटाने के लिये हर संभव प्रयास कर रहा हूं। विजय माल्या को व्यक्तिगत पेशी से छूट के अनुरोध वाली याचिका पेश करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता ने कहा कि 15 अप्रैल को उनके मुवक्किल के पासपोर्ट को निलंबित कर दिया गया। उसके बाद, 23 अप्रैल को व्यक्तिगत सुनवाई का मौका दिये बिना उनके पासपोर्ट को रद्द कर दिया गया। आवेदन में कहा गया है कि उनके मुवक्किल का पासपोर्ट रद्द होने के बाद वह लंदन में रह रहे हैं और उनके पास कोई जरूरी यात्रा दस्तावेज नहीं है जिससे वह भारत लौट सकें। प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से पेश अधिवक्ता एन के मत्ता ने अदालत से कहा कि माल्या कई अन्य मामलों में भी कार्यवाही से भाग रहे हैं और उनकी आज की अर्जी पर जवाब देने के लिये समय देने का अनुरोध किया। अदालत ने मामले में ईडी को अपना पक्ष रखने को कहा और मामले की अगली सुनवाई के लिये चार अक्तूबर की तारीख तय की।
भाषा