विजय शर्मा नए सीआईसी, लंबित मामलों की संख्या 40 हजार
सीबीडीटी के पूर्व प्रमुख के वी चौधरी को नया मुख्य सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) नियुक्त किया गया है। इसके अलावा इंडियन बैंक के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक टी.एम. भसीन को सतर्कता आयुक्त नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति भवन के प्रवक्ता ने बताया कि इन नियुक्तियों को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंजूरी प्रदान कर दी। सरकार ने पहली बार भ्रष्टाचार रोधी आयोग के प्रमुख के पद पर भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को नियुक्त करने की परंपरा से अलग हट कर चौधरी की नियुक्ति की है।
चौधरी भारतीय राजस्व सेवा के पूर्व अधिकारी रहे हैं और उन्हें कालेधन पर लगाम लगाने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित विशेष जांच टीम में सलाहकार नियुक्त किया गया था। वह पिछले वर्ष अक्टूबर में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष पद से सेवानिवृत हुए थे। जब यह खबरें आईं कि चौधरी के नाम को सीवीसी पद के लिए मंजूरी दे दी गई है तब वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी और प्रशांत भूषण ने सरकार की आलोचना की थी। सीआईसी में सरकार ने वरिष्ठतम सूचना आयुक्त को प्रमुख के रूप में नियुक्त करने के चलन का अनुसरण किया और विजय शर्मा को मुख्य सूचना आयुक्त बनाया गया। पूर्व पर्यावरण सचिव विजय शर्मा 2012 से सूचना आयुक्त के रूप में काम कर रहे हैं। उनका कार्यकाल करीब छह महीने का होगा क्योंकि वह इस वर्ष एक दिसंबर को 65 वर्ष आयु के हो जाएंगे जबकि चौधरी और भसीन इस पद पर चार वर्ष के लिए नियुक्त किए गए हैं।
समझा जाता है कि एक जून को बैठक में इन नामों पर हरी झंडी दिखा दी गई जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हुए थे। इस बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी हिस्सा लिया जो प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली तीन सदस्यीय चयन समिति का हिस्सा हैं।
इस बीच केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) में लंबित शिकायतों और अपीलों की संख्या 40 हजार से अधिक हो गई है। सीआईसी के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक आयोग में 8 जून तक सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत 40,051 मामले लंबित हैं जिनमें 32,531 अपील और 7,520 शिकायतें शामिल हैं। आंकड़ों के मुताबिक, इनमें से 15,736 अपीलें एवं शिकायतें मुख्य सूचना आयुक्त की पीठ के समक्ष लंबित हैं। शेष मामले सूचना आयुक्तों.. बसंत सेठ, यशोवर्द्धन आजाद, शरत सभरवाल, मंजुला पारासर, एम.ए.खान युसुफी और मदभूषणम श्रीधर आर्चायुलु के समक्ष लंबित हैं। पिछले महीने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सीआईसी, सीवीसी और लोकपाल के प्रमुखों की नियुक्ति में देरी करने के लिए प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा था कि सरकार को पारदर्शिता से भय लगता है।