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20 July 2020

कई केस दर्ज होने के बाद भी विकास दुबे जेल से बाहर कैसे रहा, सुप्रीम कोर्ट के जज हुए हैरान

सुप्रीम कोर्ट ने विकास दुबे मुठभेड़ की सीबीआई, एनआईए या एसआईटी से जांच की मांग वाली याचिकाओं पर आज सुनवाई की। सुनवाई के दौरान जब सुप्रीम कोर्ट के चीफ जज को ये पता चला कि विकास दुबे के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज थे, फिर भी वो परोल पर जेल से बाहर था तो वे हैरान रह गए। उन्होंने इसे सरकारी सिस्टम की विफलता करार दिया।

मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने दुबे और उनके कथित सहयोगियों की मुठभेड़ों की अदालत से निगरानी की मांग की याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि उन्हें "कानून का शासन" बनाए रखना होगा। शीर्ष अदालत ने कहा, “आप एक राज्य के रूप में कानून के शासन को बनाए रखते हैं। ऐसा करना आपका कर्तव्य है। ”

उत्तर प्रदेश की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस मुद्दे पर अदालत से निर्देश लेने और वापस आने के लिए कुछ समय मांगा।

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पीठ ने कहा, " विकास विकास दुबे जैसे व्यक्ति को इतने मामलों के बावजूद जमानत मिल गई।" यह संस्थान की विफलता है कि उस व्यक्ति को, जिसे सलाखों के पीछे होना चाहिए था, को जमानत मिल गई।"


सीजेआई ने यूपी सरकार से कहा कि राज्य सरकार के रूप में वो कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार हैं और इसके लिए एक ट्रायल होना चाहिए था। सीजेआई ने कहा कि कोर्ट सरकार द्वारा बनाई गई समिति में एक सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट जज और एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी को जोड़ना चाहता है। इसे लेकर कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा कि क्या वो सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग नियुक्त करने के लिए तैयार है? 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसमें यूपी द्वारा पहले से नियुक्त रिटायर्ड इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज शामिल होंगे। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि जांच पैनल में एक सेवानिवृत्त पुलिस अफसर भी  होना चाहिए। सीजेआई ने कहा कि इस जांच से, कानून का शासन मजबूत ही होगा और पुलिस का मनोबल नहीं टूटेगा।

डीएसपी देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मियों पर कानपुर के चौबेपुर इलाके के बिकरू गाँव में उस समय घात लगाकर हमला किया गया जब वे दुबे को गिरफ्तार करने के लिए जा रहे थे। इस दौरान छतों से ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई गईं।

पुलिस ने कहा था, इसके बाद दुबे 10 जुलाई की सुबह एक मुठभेड़ में मारे गए जब उन्हें उज्जैन से कानपुर ले जा रहे एक पुलिस वाहन की दुर्घटना हो गई और उसने घटनास्थल से भागने की कोशिश की।

दुबे की मुठभेड़ से पहले, उनके पांच कथित साथी अलग-अलग मुठभेड़ों में मारे गए थे।

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TAGS: Vikas Dubey Encounter, Uttar Pradesh Government, Supreme Court, विकास दुबे, विकास दुबे एनकाउंटर, यूपी एनकाउंटर, योगी सरकार, उत्तर प्रदेश, सुप्रीम कोर्ट
OUTLOOK 20 July, 2020
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