विशाखापत्तनम गैस लीक मामले में एनजीटी ने दिया केंद्र को नोटिस, एलजी पॉलिमर को 50 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने विशाखापत्तनम केमिकल फैक्ट्री गैस रिसाव की घटना को लेकर शुक्रवार को केंद्र, एलजी पॉलिमर इंडिया प्राइवेट, सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और अन्य को नोटिस जारी किए। गुरुवार को हुई गैस रिसाव की घटना में 11 लोग मारे गए और 1,000 इसके संपर्क में आए थे। वहीं एनजीटी ने लीकेज की घटना से हुए नुकसान को देखते हुए एलजी पॉलिमर को 50 करोड़ रुपये की आरंभिक राशि जमा करने का निर्देश दिया है।
पीठ ने कहा "जीवन, सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण को नुकसान की सीमा के बारे में प्रथम दृष्टया तथ्यों को देखते हुए हम एलजी पॉलिमर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को जिलाधिकारी, विशाखापत्तनम के समक्ष 50 करोड़ रुपये की प्रारंभिक राशि जमा करने का निर्देश देते हैं, जो आगे इस ट्रिब्यूनल के आदेश का पालन करेगा । यह राशि कंपनी के वित्तीय मूल्य और इससे हुई क्षति की सीमा के मद्देनज़र तय की जा रही है। ’’
जांच के लिए कमेटी का गठन
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने इस घटना की जांच करने और 18 मई से पहले एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए न्यायमूर्ति बी शेषासन रेड्डी की एक पांच सदस्यीय समिति का गठन किया।
एनजीटी ने लिया था स्वतः संज्ञान
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने विशाखापत्तनम गैस रिसाव घटना पर गुरुवार को स्वत: संज्ञान लिया था। कल एक याचिका दायर कर गैस रिसाव घटना की जांच के लिये एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने की मांग की गई थी। गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) सेंटर फॉर वाइल्डलाइफ ऐंड इन्वायरोमेंटल लिटिगेशन फाउंडेशन ने घटना की जांच के लिये एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने की मांग की थी, जिसके सदस्य न्यायाधीश और अधिकारी (सचिव स्तर से नीचे के नहीं) हों। एनजीओ ने राज्य सरकार को आसपास के इलाके के निवासियों की सुरक्षा का इंतजाम सुनिश्चित करने का निर्देश देने की भी मांग की।