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12 April 2016

18 घंटे का सफर तय कर लातूर पहुंची पानी वाली रेल

गूगल

लातूर के लिए पानी लेकर आ रही 10 डिब्बों वाली ट्रेन, जल एक्सप्रेस पश्चिमी महाराष्ट्र के मिराज से सोमवार की सुबह लगभग 11 बजे चली थी और मंगलवार की सुबह पांच बजे यह लातूर पहुंची। इस ट्रेन को 350 किलोमीटर की दूरी तय करने में 18 घंटे का समय लगा। मध्य रेलवे के प्रमुख प्रवक्ता नरेंद्र पाटिल ने कहा, 10 डिब्बों की इस पहली खेप में, प्रत्येक डिब्बे में 50 हजार लीटर की क्षमता है। इन डिब्बों में पानी सांगली जिले के मिराज रेलवे स्टेशन पर भरा गया था। जिला प्रशासन ने लातूर रेलवे स्टेशन के पास स्थित एक बड़े कुएं को अधिग्रहित किया है। ट्रेन से लाए गए पानी को इस कुंए में जमा करके रखा जाएगा और फिर यहां से इसकी आपूर्ति लातूर शहर में की जाएगी। आठ अप्रैल को यह टेन कोटा वर्कशाॅप से पुणे मंडल में स्थित मिराज के लिए रवाना हुई थी।

 

रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि दूसरी ट्रेन 50 डिब्बों की होगी। ऐसी उम्मीद है कि यह 15 अप्रैल के आसपास पानी भरने के लिए तैयार हो जाएगी। उन्होंने बताया कि रेल मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार, कोटा वर्कशॉप को 50-50 टैंक डिब्बों वाली दो मालगाड़ियां मिली थीं। इन दोनों को गर्मी के मौसम में लातूर के सूखा प्रभावित इलाकों में तैनात किया जाना है। इन ट्रेनों के फेरों का प्रबंधन जरूरत के हिसाब से तय किया जाएगा। इन ट्रेनों में लगे प्रत्येक डिब्बे में 54 हजार लीटर पानी ले जाने की क्षमता है।

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TAGS: सूखा, जस संकट, मराठवाड़ा, लातूर क्षेत्र, विशेष ट्रेन, जल एक्सप्रेस, मराठवाड़ा, पश्चिमी महाराष्ट्र, मिराज, सांगली, मध्य रेलवे, मुख्य प्रवक्ता, नरेंद्र पाटिल, कोटा वर्कशॉप
OUTLOOK 12 April, 2016
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