बाबा रामदेव को अब ममता बनर्जी में दिख रहे हैं प्रधानमंत्री बनने के गुण
रामदेव ने संवाददाताओं से कहा, राजनीति में उनकी विश्वसनीयता को लेकर कोई सवाल नहीं होना चाहिए। अगर एक चाय वाले का बेटा प्रधानमंत्री बन सकता है तो ममता जी भी प्रधानमंत्री बन सकती हैं। उन्होंने कहा, राजनीति में, ममता जी ईमानदारी और सादगी की प्रतीक हैं। मुझे उनकी सादगी अच्छी लगती है। वह चप्पल और साधारण साडि़यां पहनती हैं। मैं मानता हूं कि उनके पास काला धन नहीं है।
नोटबंदी का ममता द्वारा जोरदार विरोध किए जाने के बाद भी रामदेव ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख वास्तव में नोटबंदी को लागू करने की प्रक्रिया के खिलाफ हैं। योग गुरू और उद्यमी रामदेव ने यहां इंफोकॉम सेमिनार में कहा, मैंने नोटबंदी का बीज बोया था। मैंने 2009 से 2014 के बीच आंदोलन जारी रखा और सरकार से पांच सौ रूपए तथा एक हजार रूपए के नोट वापस लेने को कहा था क्योंकि यह भ्रष्टाचार, कालाधन, आतंकवाद और आतंकवाद के वित्तपोषण का मूल कारण है।
उन्होंने दावा किया कि नोटबंदी के साथ काले धन का पैदा होना, भ्रष्टाचार तथा आतंकवाद का वित्तपोषण पूरी तरह से रूक गया है। रामदेव ने कहा कि नकदी संकट के कारण आम आदमी को असुविधा हो रही है। लेकिन कोई भी इसके खिलाफ शिकायत नहीं कर रहा है। रामदेव ने हालांकि कहा कि उनका मानना है कि पूरी तरह से कैशलेस (नकदी रहित) प्रणाली तत्काल संभव नहीं है और इसमें कम से कम छह महीने का समय लगेगा।
नोटबंदी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए योगगुरू ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधा और कहा कि उन्होंने किसी मुद्दे पर एक शब्द नहीं कहा और अब उन्होंने इस मुद्दे पर टिप्पणी की।
उन्होंने कहा, आप देखिए, यह नोटबंदी का प्रभाव है।
रामदेव ने राजभवन में राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी से मुलाकात की और इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया।
भाषा