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17 July 2025

निमिषा प्रिया को बचाने के लिए क्या कर रही है भारत सरकार, अब विदेश मंत्रालय ने दी पूरी जानकारी

विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को साप्ताहिक प्रेस वार्ता के दौरान निमिषा प्रिया मामले पर व्यापक टिप्पणी की और बताया कि आखिर भारत सरकार इस मामले पर क्या कर रही है। मंत्रालय ने बताया कि सरकार इस मामले पर कुछ मित्र सरकारों के संपर्क में है। 

दरअसल, केरल की 37 वर्षीय नर्स को यमन की एक ट्रायल कोर्ट द्वारा एक यमनी नागरिक की हत्या का दोषी ठहराए जाने के बाद 16 जुलाई को फांसी दी जानी थी, इस फैसले को देश की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने नवंबर 2023 में बरकरार रखा।

मामले पर पत्रकारों से बात करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने परिवार को सहायता प्रदान करने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों पर प्रकाश डाला। 

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इसमें कानूनी सहायता, परिवार द्वारा नियमित रूप से कांसुलरी दौरे और इस मामले में भारत सरकार द्वारा विभिन्न सरकारों के साथ संपर्क बनाए रखना शामिल है।

जायसवाल ने कहा, "निमिषा प्रिया का मामला बेहद संवेदनशील है और भारत सरकार इस मामले में हर संभव सहायता प्रदान कर रही है। हमने कानूनी सहायता प्रदान की है और परिवार की सहायता के लिए एक वकील भी नियुक्त किया है। हमने उनके परिवार के लिए नियमित रूप से कांसुलरी मुलाक़ातों की व्यवस्था भी की है और हम इस मुद्दे को सुलझाने के लिए स्थानीय अधिकारियों और परिवार के सदस्यों के संपर्क में भी हैं।"

उन्होंने कहा, "इसमें हाल के दिनों में सुश्री निमिषा प्रियल के परिवार को दूसरे पक्ष के साथ आपसी सहमति से समाधान निकालने के लिए और समय देने के लिए किए गए ठोस प्रयास भी शामिल हैं। यमन के स्थानीय अधिकारियों ने 16 जुलाई को निर्धारित उनकी सज़ा की तामील को स्थगित कर दिया है। हम मामले पर लगातार नज़र बनाए हुए हैं और हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं। हम इस संबंध में कुछ मित्र सरकारों के भी संपर्क में हैं।"

निमिशा प्रिया की सजा को स्थगित करने के आग्रह में ग्रैंड मुफ्ती की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "जहां तक आपने जिस संस्था का उल्लेख किया है उसकी भूमिका का सवाल है, इस संबंध में मेरे पास साझा करने के लिए कोई जानकारी नहीं है।"

विदेश मंत्रालय की यह टिप्पणी ग्रैंड मुफ़्ती शेख अबू बक्र अहमद कंठपुरम द्वारा मंगलवार को दिए गए उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने यमन में विद्वानों से बात करके उनसे हत्या के दोषी और फांसी की सज़ा पाने वाली 37 वर्षीय निमिश प्रिया की रिहाई की अपील की थी। ग्रैंड मुफ़्ती का दावा है कि उनकी बातचीत के बाद ही फांसी टलने की खबर भी आई।

ग्रैंड मुफ्ती ने एएनआई को बताया, "इस्लाम में हत्या के बजाय दीया (मुआवजा) देने का भी रिवाज है। मैंने उनसे दीयात स्वीकार करने का अनुरोध किया है क्योंकि पार्टी इसके लिए तैयार है। इस बारे में बातचीत चल रही है कि क्या मेरा अनुरोध स्वीकार किया जाना चाहिए। फांसी की तारीख कल थी, लेकिन अब इसे कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया है।"

ग्रैंड मुफ्ती ने कहा था कि वह प्रिया के धर्म पर विचार नहीं कर रहे हैं, बल्कि उसकी मानवता पर विचार कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने उसकी रिहाई का अनुरोध किया था।

मुफ़्ती की यह टिप्पणी तब आई है जब सूत्रों ने पहले एएनआई को बताया था कि भारत सरकार के "साझे प्रयासों" के बाद केरल की 37 वर्षीय नर्स की फांसी टाल दी गई है। पहले यह फांसी 16 जुलाई को होनी थी।

सूत्रों के अनुसार, इस स्थगन से उसके परिवार को आपसी सहमति से समाधान निकालने के लिए अतिरिक्त समय मिल गया है। भारतीय अधिकारियों द्वारा जारी राजनयिक प्रयासों के बीच, वे यमन के जेल अधिकारियों और अभियोजक के कार्यालय के साथ नियमित संपर्क बनाए हुए हैं तथा इस राहत को प्राप्त करने के लिए स्थिति की संवेदनशीलता को समझते हैं।

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मंगलवार को यमन में मौत की सजा पाने वाली भारतीय नर्स निमिशा प्रिया की फांसी स्थगित होने पर राहत और आशा व्यक्त की। उन्होंने इस घटनाक्रम को "आरामदायक और आशापूर्ण" बताया तथा कहा कि इससे उसकी सजा समाप्त करने के लिए अतिरिक्त समय मिल गया है।

विजयन ने कंथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार और एक्शन काउंसिल सहित अन्य लोगों के लगातार प्रयासों और हस्तक्षेप की सराहना की, जो निमिषा प्रिया को न्याय दिलाने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। 

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TAGS: Nimisha priya case, kerala nurse, ministry of external affairs, government of India
OUTLOOK 17 July, 2025
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