जब लता मंगेशकर के मुस्लिमों संग गाना ना गाने की उड़ी अफवाह, जानें यह दिलचस्प वाकया
स्वर कोकिला के नाम से प्रसिद्ध लता मंगेशकर की रेशमी आवाज और गायकी का हर कोई मुरीद है। सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर ने कई ऐसे सदाबहार गाने गाए थे, जिन्हें कोई एक बार सुनने के बाद बार बार सुनने का मन करता है। लेकिन वे भी एक बार अफवाह का शिकार हो गईं। जब अफवाह उड़ी कि लता मुसलमानों के साथ गाना नहीं गाती हैं । लता मंगेशकर ने अपने कामयाब करियर में कई दिग्गज गायकों और संगीतकारों के साथ काम किया था। मगर बता दें कि एक समय में लता मंगेशकर को लेकर ऐसी अफवाह थी कि वो मुसलमानों के साथ गाना नहीं गाती हैं। यह अफवाह बाद में पूरी तरह बेबुनियाद साबित हुई थी।
दरअसल, 60 के दशक में लता मंगेशकर और उस वक्त के प्रसिद्ध प्लेबैक सिंगर तलत महमूद को एक साथ डुएट सॉन्ग की रिकॉर्डिंग करने का प्रस्ताव मिला था। मगर फिर कुछ कारण से वह गाना रिकॉर्ड नहीं हो पाया था। इसके बाद अफवाह फैली थी कि लता मंगेशकर ने गाना गाने से इसलिए मना कर दिया, क्योंकि वो किसी मुसलमान गायक के साथ गाना नहीं चाहती थीं। यहां तक कि इस बात पर तलत महमूद ने विश्वास भी कर लिया था।
हालांकि लता मंगेशकर और तलत महमूद के बीच की यह गलतफहमी सही समय पर दूर हो गई थी। खबरों के मुताबिक जब दोनों मिले तो लता मंगेशकर ने इस बारे में तलत महमूद से पूछा था, "आपने इस तरह की घटिया कहानी पर कैसे विश्वास कर लिया? आप ये नहीं जानते कि रफी साहब, नौशाद साहब भी मुसलमान हैं? मैं हमेशा उनके साथ काम करती हूं। मैं यूसुफ भाई (दिलीप कुमार) को राखी बांधती हूं। आप ये भी भूल गए कि मैंने अमन अली और अमानत खान साहब की शागिर्द के तौर पर सीखना शुरू किया था। वो दोनों भी मुसलमान थे।" लता दीदी के यह कहने के बाद तलत महमूद की गलतफहमी दूर हो गई थी।