कौन हैं प्रफुल्ल पटेल, जिनके फैसले से नाराज हैं लक्षद्वीप के लोग, मच गया है बवाल; वापस बुलाने की उठ रही है मांग
मसौदा नियमनों के तहत लक्षद्वीप से शराब के सेवन पर रोक हटाई गई है। इसके अलावा पशु संरक्षण का हवाला देते हुए बीफ उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया गया है। यहां तक की विपक्षी नेताओं का आरोप है कि प्रफुल्ल पटेल ने तट रक्षक अधिनियम के उल्लंघन के आधार पर तटीय इलाकों में मछुआरों की झोपड़ियों को तोड़ने के आदेश दिये हैं।
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लक्षद्वीप की अधिकांश आबादी मछली पालन पर निर्भर है। अब लक्षद्वीप के लोगों ने प्रफुल्ल पटेल के खिलाफ हल्ला बोल दिया है। लोग नाराज हैं। विपक्षी दलों ने भी केंद्र को इस बाबात जमकर घेरा है।
2011 की जनगणना के मुताबिक यहां की कुल आबादी थी 64 हजार थी जो अब बढ़कर करीब 67 हजार हो गई है। यहां अधिकांश आबादी आदिवासी मुसलमानों की है।
गुजरात के गृहमंत्री रह चुके हैं पटेल
दरअसल, दिनेश्वर शर्मा के निधन के बाद गुजरात के पूर्व विधायक प्रफुल्ल पटेल को नया प्रशासक नियुक्त किया गया है। जिसके बाद से आरोप है कि पटेल द्वारा मनमाने तरीके से फैसले लिये जा रहे हैं, जो यहां के लोगों की आजादी पर कुठाराघात है।
प्रफुल्ल पटेल राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं। वो मोदी सरकार के भी काफी नजदीक रहे हैं। प्रफुल्ल पटेल गुजरात के गृह राज्यमंत्री रह चुके हैं। स्थानीय सांसद मोहन देलकर द्वारा आत्महत्या के बाद उनके बेटे अभिनव ने पटेल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। दिसंबर में लक्षद्वीप के प्रशासक दिनेश्वर शर्मा की मृत्यु के बाद पटेल को यहां का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया।
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखकर लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल को वापस बुलाने की मांग की। इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रपति से यह भी कहा है कि प्रफुल्ल पटेल के कार्यकाल में लिए गए फैसलों को रद्द किया जाए। वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को कहा, “सागर में लक्षद्वीप देश का आभूषण है। सत्ता में बैठे अज्ञानी कट्टरपंथी इसे नष्ट कर रहे हैं। मैं लक्षद्वीप के लोगों के साथ खड़ा हूं।“
पटेल के किन मसौदों पर विवाद है
प्रफुल्ल पटेल द्वारा कई मसौदें पेश किए गए हैं, जो विवाद में है और लोगों में गहरी नारजगी है। केंद्र के खिलाफ विपक्षी दलों ने हल्ला बोला है। लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण विनियमन (एलडीएआर), असामाजिक गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम यानी कि पीएएसए, पंचायत अधिसूचना का मसौदा और लक्षद्वीप पशु संरक्षण विनियमन 2021 समेत चार मसौदें हैं।
लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण विनियमन (एलडीएआर) को जनवरी में पेश किया गया था। ये मसौदा प्रशासक को इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट से जुड़े काम के लिए स्थानीय बाशिंदों को उनकी जगह या ज़मीन से हटाने या कहीं और विस्थापित करने की शक्ति प्रदान करता है। इसके तहत किसी भी तरह की अचल संपत्ति विकास कार्य के लिए दी जा सकती है। वहीं, पीएएसए के तहत बिना कोई सार्वजनिक जानकारी जारी किए किसी भी व्यक्ति को सरकार एक साल के लिए हिरासत में ले सकती है। एक विवाद जिस पर बरपा है वो है तीसरा मसौदा, पंचायत अधिसूचना के मुताबिक किसी भी दो से अधिक बच्चे वाले पंचायत सदस्य को अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा और ना ही किसी ऐसे व्यक्ति को चुनाव लड़ने की इजाजत होगी।
लक्षद्वीप पशु संरक्षण विनियमन 2021 चौथा मसौदा है जिसके तहत, जिसे 25 फरवरी को जनता की प्रतिक्रिया लेने के लिए जारी किया गया था, किसी भी जानवर को मारना मुश्किल हो जाएगा। पशुओं को मारने से पहले उसका फिटनेस सर्टिफिकेट लेना ज़रूरी होगा। धारा 5(2) के मुताबिक पशुओं में गाय, गाय का बछड़ा, बैल है तो फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं दी जाएगी। इन जानवरों के अलावा अन्य वैसे जानवर जिनका इस्तेमाल कृषि कार्यों, दूध देने हेतु होता है उन्हें भी फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं दिया जाएगा। बीफ उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया गया है। साथ ही पशुओं को मारने के लिए कहीं ले जाने पर भी पाबंदी है।