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30 January 2021

कौन हैं राकेश टिकैत? जानें किसान नेता के बारे में 5 अहम बातें

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत के गाजीपुर बॉर्डर पर गुरुवार को भावुक भाषण ने सुर्खियां बटोरीं और राष्ट्रीय राजधानी में किसानों के विरोध को बढ़ाने के लिए संजीवनी के रूप में काम किया। 

 

किसान आंदोलन में पंजाब और हरियाणा के किसान नेताओं के साथ भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का नाम भी तेजी से उभरा है। राकेश बड़े किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष रहे स्वर्गीय महेंद्र सिंह टिकैत के पुत्र हैं। शुरू में सरकार की तरफ से यह जतलाने की कोशिश की जा रही थी कि कृषि कानूनों के खिलाफ केवल पंजाब और हरियाणा के किसान आंदोलन कर रहे हैं, तो उस भ्रम को तोड़ने में राकेश टिकैत की अहम भूमिका रही। वे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस आंदोलन के समर्थन में किसानों को लेकर आगे आए और गाजियाबाद में दिल्ली-यूपी बॉर्डर ब्लॉक कर दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान को भी सरासर भ्रम फैलाने वाला बताया है जिसमें उन्होंने मध्य प्रदेश के किसानों से चर्चा के दौरान कहा था कि सरकार ने स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को लागू कर दिया है। टिकैत का कहना है कि सरकार को तीनों कानूनों को वापस लेना होगा।

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राकेश टिकैत फिलहाल किसानों के उस कोर ग्रुप में शामिल हैं जो कृषि कानूनों पर लगातार सरकार से बात कर रही है। गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने वाले किसानों नेताओं में राकेश टिकैत भी शामिल थे। इसके अलावा वे पिछली पांच दौर की वार्ताओं में भारतीय किसान यूनियन का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

लेकिन वास्तव में राकेश टिकैत कौन हैं?  यहां करिश्माई किसान नेता के बारे में 5 कम ज्ञात तथ्य हैं-

1) राकेश टिकैत बीकेयू प्रमुख नरेश टिकैत के छोटे भाई, और बीकेयू के मुख्य प्रवक्ता हैं।

2) 51 वर्षीय किसान नेता ने पहले दिल्ली पुलिस के एक सिपाही के रूप में कार्य किया।

3) राकेश टिकैत का राजनीति में एक छोटा कार्यकाल भी था।  उन्होंने खतौली सीट से 2007 का यूपी विधानसभा चुनाव लड़ा और छठे स्थान पर रहे।  उन्होंने कांग्रेस के समर्थन से चुनाव लड़ा।

4) बाद में 2014 में उन्होंने अमरोहा निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा, उन्होंने राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के टिकट पर चुनाव लड़ा था।

5) राकेश टिकैत के पिता महेंद्र सिंह टिकैत मुजफ्फरनगर के एक प्रभावशाली व्यक्ति थे, जिन्हें 17 अक्टूबर 1986 को बीकेयू की उत्तर प्रदेश शाखा की स्थापना करने का श्रेय दिया जाता है। दिलचस्प बात यह है कि बीकेयू की स्थापना 1978 में चौधरी चरण सिंह ने की थी। वे 1979-1980 तक भारत के पांचवें प्रधानमंत्री रहे ।

फिलहाल, राकेश टिकैत केंद्र के विवादास्पद कृषि विधानों के खिलाफ किसानों के विरोध का चेहरा बन गए हैं।  और टिकैत के भाषण ने प्रदर्शनकारी किसानों के मनोबल को बढ़ाया है।  उन्होंने फार्म यूनियनों के कुछ गुटों को एकजुट करने में भी कामयाबी हासिल की है।

 

 

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OUTLOOK 30 January, 2021
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