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28 March 2018

कौन हैं संभाजी भिड़े, जिन्हें लेकर गरमाई है महाराष्ट्र की सियासत

भीमा-कोरेगांव की हिंसा का असर अभी महाराष्ट्र समेत देश के कई इलाकों में देखने को मिल रहा है। संसद, सड़क, सियासत, समाज सब जगह इस आग की आंच पसरी हुई है। लोगों के दिमाग में एक सवाल है कि एक जनवरी को भीमा-कोरेगांव में पेशवा सेना पर महारों की जीत की 200वीं सालगिरह मनाने पहुंचे दलितों पर हमले और हिंसा के इस खेल में आखिर किसका भला हुआ? इसे लेकर जहां दलित संगठनों की ओर से हिंदुत्‍ववादी नेता संभाजी भिड़े की गिरफ्तारी की मांग की जा रही है, वहीं संभाजी के समर्थक अपने गुरुजी के समर्थन में सम्मान मोर्चा निकाल रहे हैं। 

199 साल तक कभी हिंसा की चिंगारी इस जगह पर नहीं भ्‍ाड़की, लेकिन 200वें साल में कैसे नफरत के शोले भड़क गए?

दलित संगठनों का आरोप है कि इस हिंसा के पीछे हिंदुत्ववादी संगठनों का हाथ है तो वहीं भाजपा समेत कई अन्य संगठनों द्वारा कहा जा रहा है कि इसके पीछे सोची समझी राजनीतिक साजिश है। 

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हिंसा के विरोध में महाराष्ट्र में प्रदर्शन का आह्वान करने वाले दलित नेता और बीआर आंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि दलितों पर हुए हमले का मास्टरमाइंड ‘समस्त हिंदू अघाड़ी’ के मिलिंद एकबोटे और ‘शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान’ के अध्यक्ष संभाजी भिड़े हैं।”

मिलिंद एकबोटे और संभाजी भिड़े पर हिंसा भड़काने के आरोप में केस दर्ज तो हुआ है लेकिन दलित संठनों का आरोप है कि सरकार और पुलिस इन पर हाथ डालने से बच रही है।

संभाजी भिड़ेजिन्हें नरेंद्र मोदी भी प्यार से गुरुजी’ कहते हैं...

सादी वेशभूषा, मराठी टोपी, लंबी मूंछ और ओजपूर्ण भाषण.... लोग इन्हें प्यार से गुरुजी कहते हैं। उनके बारे में यह बात मशहूर है कि वो हमेशा नंगे पैर चलते हैं। भिड़े ने आज तक अपना कोई मकान नहीं बनाया है और न ही कभी कार से चलते हैं। कहा जाता है कि संभाजी भिड़े की लोकप्रियता इतनी है कि उनकी एक आवाज पर लाखों युवा इकट्ठा हो जाते हैं।

भिड़े की उम्र 80 वर्ष है और उनका असली नाम मनोहर है। सतारा जिले का सबनिसवाड़ी उनका पैतृक गांव है। न्यूक्लियर फिजिक्स में एमएससी भिड़े पुणे के फर्गुसन कॉलेज में प्रोफेसर रह चुके हैं। 1980 के दौर में उन्होंने शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान नाम की एक संस्था बनाई। उनकी संस्था का मुख्य काम शिवाजी महाराज के बारे में लोगों को बताना है।

संभाजी भिड़े, गोविंद गायकवाड़ की समाधि को कथित रूप से तोड़ने के मामले में भी शामिल हैं।

दरअसल, गोविंद गायकवाड़ ने संभाजी महाराज का अंतिम संस्कार किया था क्योंकि मुगल फरमान था कि कोई शव को छू नहीं सकता, जबकि गोविंद दलित जाति के थे।

इस पर भिड़े का कहना है कि यह झूठ है कि दलित समाज के किसी व्यक्ति ने संभाजी महाराज का अंतिम संस्कार किया था, बल्कि महाराष्ट्र सरकार को अध्ययन कर सच सबको बताना चाहिए कि मराठा समुदाय के शख्स ने महाराज का अंतिम संस्कार किया था।

2014 में सांगली दौरे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था, “मैं सांगली खुद से नहीं आया बल्कि भिड़े गुरुजी के हुकुम पर आया हूं और वे हम सबके लिए एक आदर्श के समान है।”

इस वीडियो को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री मोदी संभाजी भिड़े का कितना आदर करते हैं, वे उनके संगठन शिव प्रतिष्ठान के कार्यक्रमों में जा चुके हैं।

इसके अलावा शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, सूबे के सीएम देवेन्द्र फडणवीस से भी उनकी नजदीकियां मानी जाती हैं। ऐसे में संभाजी के रुतबे का अनुमान लगाया जा सकता है।

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TAGS: Who is Sambhaji, politics of Maharashtra, hot, Bhima Koregaon Violence
OUTLOOK 28 March, 2018
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