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16 May 2019

जानें, कौन हैं ममता सरकार के वो दो अधिकारी जिनपर चुनाव आयोग ने की कार्रवाई

पश्चिम बंगाल में जारी चुनावी हिंसा के मद्देनजर चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में प्रचार का समय कम कर दिया है तो वहीं सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी अधिकारियों पर भी गाज गिरी है।

चुनाव आयोग ने जहां राज्य में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अजय नायक को विशेष पर्यवेक्षक और पुलिस सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी विवेक दुबे को विशेष पुलिस पर्यवेक्षक के रूप में तैनात किया है। वहीं आयोग ने आईपीएस अधिकारी और पश्चिम बंगाल की खुफिया शाखा सीआईडी के अतिरिक्त महानिदेशक राजीव कुमार को सेवा मुक्त कर केन्द्रीय गृह मंत्रालय से संबद्ध कर दिया है। उन्हें 16 मई को सुबह दस बजे तक मंत्रालय को रिपोर्ट करने को कहा गया है। साथ ही आयोग ने पश्चिम बंगाल के गृह सचिव अत्रि भट्टाचार्य को भी सेवामुक्त कर उनका प्रभार राज्य के मुख्य सचिव को सौंपने का आदेश दिया है।

कौन हैं राजीव कुमार?

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राजीव कुमार वही अधिकारी हैं, जिनको लेकर बीते दिनों ममता बनर्जी केंद्र सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गई थीं। राजीव कुमार पश्चिम बंगाल के 1989 बैच के आईपीएस अधिकार हैं।  सीआईडी के एडीजी बनने से पहले वह कोलकाता पुलिस के कमिश्नर थे और उनके घर सीबीआई ने छापेमारी की थी। इसी के खिलाफ ममता बनर्जी ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।

बाद में सुप्रीम कोर्ट तक मामला पहुंचने और अदालत के आदेश के बाद मामला थोड़ा सुलझा और राजीव कुमार को कमिश्नर पद से हटाया गया।  इसके बाद उनकी नियुक्ति सीआईडी में की गई थी।

राजीव कुमार को 2013 में शारदा चिटफंड घोटाला मामले की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम के अध्यक्ष चुना गया था। राजीव कुमार पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए घोटाले की दिशा और दशा बदली है।

पश्चिम बंगाल कैडर के आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार यूपी के चंदौसी के रहने वाले हैं। उन्‍होंने आईआईटी रुड़की से कंप्‍यूटर साइंस में इंजिनियरिंग की पढ़ाई की थी। टेक्‍नो फ्रेंडली राजीव कुमार ने अपनी पढ़ाई का भरपूर इस्‍तेमाल अपने काम में किया।

अब एक बार फिर चुनाव आयोग ने राजीव कुमार को सीआईडी पद से ही हटा दिया है और वापस उन्हें गृह मंत्रालय भेज दिया है। यानी अब वह केंद्र सरकार के अधीन काम करेंगे।

कौन हैं अत्रि भट्टाचार्य?

चुनाव आयोग ने गृह प्रधान सचिव अत्रि भट्टाचार्य को छुट्टी पर भेजा गया है, वह भी बंगाल सरकार में बड़ा रखते हैं। वो इसलिए क्योंकि राज्य की कानून व्यवस्था का पूरा जिम्मा इन्हीं के ऊपर है और पूरे चुनाव के दौरान कानून व्यवस्था पर ही सवाल उठते रहे हैं। भाजपा चुनाव के दौरान आरोप लगाती रही है कि ममता बनर्जी के इशारे पर हिंसा हो रही है और कानून व्यवस्था लगातार खराब होती जा रही है। लिहाजा अब चुनाव आयोग की तरफ से भट्टाचार्य पर कार्रवाई कर दी गई है। चुनाव आयोग की कार्रवाई को ममता बनर्जी ने पीएम नरेंद्र मोदी के इशारे पर की गई कार्रवाई बताया।

अनुच्छेद 324 का इस्तेमाल

चुनाव आयोग ने कहा कि यह शायद पहली बार है जब आयोग ने अनुच्छेद 324 का इस्तेमाल किया है। उप चुनाव आयुक्त चंद्रभूषण कुमार ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मंगलवार को कोलकाता में समाज सुधारक ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा तोड़े जाने के बाद राज्य में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर चुनाव आयोग ने गंभीर नाराजगी प्रकट करते हुये यह कार्रवाई की है। राज्य की नौ लोकसभा सीटों पर आगामी 19 मई को होने वाले मतदान के लिये निर्धारित अवधि से एक दिन पहले ही प्रचार अभियान प्रतिबंधित हो जायेगा।

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TAGS: Mamta Government's two officials, mamata benerjee, Rajiv Kumar, Atri Bhattacharya, Election Commission, action, lok sabha elections
OUTLOOK 16 May, 2019
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