रूस ने दिया आश्वासन, जल्द पूरे होंगे सभी रक्षा समझौते: राजनाथ सिंह
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह रूस के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। उन्होंने मंगलवार को रूस की राजधानी मॉस्को में उप प्रधानमंत्री यूरी इवानोविच बोरिसोव के साथ बैठक की। बैठक के बाद राजनाथ सिंह ने कहा कि रूसी सरकार ने आश्वासन दिया है कि जारी रक्षा अनुबंधों को न केवल बनाए रखा जाएगा बल्कि जल्द ही इसे पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत के नए रक्षा प्रस्तावों को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिले हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चीनी पक्षों से इस दौरान मुलाकात नहीं करेंगे। भारत-चीन के बीच तनाव की स्थिति लगातार बनी हुई है। पिछले 15-16 जून को चीनी सैनिकों के साथ लद्दाख के गलवान घाटी में हुई झड़प में बीस भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद रूस की ये यात्रा भारत से किसी विदेशी देश में पहली आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल यात्रा है। यह भारत और रूस के बीच विशेष संबंध को दर्शाता है।
भारत और रूस के बीच 16 बिलियन यूएस डॉलर के रक्षा सौदे
इस वक्त रक्षा अनुबंधों को लेकर भारत और रूस ने 16 बिलियन यूएस डॉलर के सौदे किए हैं। राजनाथ सिंह ने कहा है कि रूस सभी अनुबंधों के समय पर कार्यान्वयन के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसमें एस-400 वायु रक्षा प्रणालियों की आपूर्ति और कलाश्निकोव राइफल्स और कामोव हेलीकॉप्टरों का उत्पादन भी शामिल है। राजनाथ सिंह रूसी एस-400 एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल डिफेंस सिस्टम की एडवांस डिलीवरी और रूसी निर्मित एसयू-30एमकेआई जेट फाइटर्स और मिग-29 की खरीद की भी मांग करेंगे।
द्वितीय विश्व युद्ध में मारे गए सैनिकों को दी श्रद्धांजलि
मॉस्को में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान मारे गए रूसी सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित किया। उन्होंने कहा कि इस युद्ध में लाखों भारतीय सैनिकों ने भी भाग लिया और हताहत हुए।
विदेश मंत्री की भारत-रूस-चीन के साथ त्रिपक्षीय ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस
इससे पहले दिन में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि दुनिया के प्रमुख देशों को आगे बढ़कर नेतृत्व करना चाहिए और उदाहरण पेश करना चाहिए। इसमें अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करना, साथी देशों के हितों का सम्मान करना, बहुपक्षीयता का समर्थन करना और हर किसी की भलाई की कोशिश की जानी चाहिए। गलवान घाटी में 20 सैनिकों के मारे जाने के बाद भारत-चीन तनाव के बीच विदेश मंत्री की यह टिप्पणी रूस-भारत-चीन त्रिपक्षीय ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्री वांग यी की मौजूदगी में आई। पिछले हफ्ते, भारत ने चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय सैनिकों की हत्या को "पूर्व नियोजित और नियोजित कार्रवाई" करार दिया था।