दशहरा पर बुराई के प्रतीक के साथ आतंकवाद के पुतले भी जले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर लखनऊ में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि किसी को भी यह एहसास नहीं करना चाहिए कि वह आतंकवाद से सुरक्षित है क्योंकि आतंकवाद की कोई सीमा या नैतिकता नहीं है।
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी दिल्ली के रामलीला मैदान में पुतला दहन कार्यक्रम में मौजूद थे। कई स्थानों खासकर पंजाब के अमृतसर और लुधियाना में आतंकवाद और पाकिस्तान के प्रतीक वाले पुतले जलाए गए। वहीं इंदौर में बड़ी संख्या में लोगों ने रावण की पूजा की और इस दिन को रावण मोक्ष दिवस के रूप में मनाया और लोगों से दशानन के पुतले नहीं जलाने की अपील की। इंदौर में रावण के अनुयायियों के संगठन जय लंकेश मित्र मंडल के अध्यक्ष महेश गौहर ने पीटीआई को बताया, रावण एक महान बुद्धिजीवी थे और भगवान शिव के परम भक्त थे, इसलिए हमारा संगठन लोगों से दशहरा के मौके पर रावण के पुतले जलाना बंद करने की अपील करता है।
कर्नाटक में जंबो सवारी का समापन हो गया और बारिश के बीच हजारों की संख्या में लोगों ने हाथियों के जुलूस का आनंद लिया। वहीं जम्मू कश्मीर के जम्मू क्षेत्र में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए और राम एवं लक्ष्मण का किरदार निभाते हुए कलाकारों ने रावण के पुतले जलाए। महाराष्ट्र में दशहरा त्यौहार पारंपरिक ढंग से मनाया गया और लोगों ने पारंपरिक पोशाकों में पूजा और सजावटी वस्तुओं की खरीदारी की। वहीं राजस्थान में मेले लगाए गए और मानसरोवर, आदर्श नगर, सांगनेर, विद्याधर नगर व अन्य स्थानों पर पुतला दहन कार्यक्रम हुआ। कोलकाता में दुर्गा मूर्ति विसर्जन के साथ इस त्यौहार का समापन हो गया। कोलकाता पुलिस के मुताबिक, शाम छह बजे तक करीब 1,000 मूर्तियां विसर्जित की गईं। उन्होंने कहा कि कल मुहर्रम के जुलूस के चलते कोई मूर्ति विसर्जन की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन की अगली तिथि 13 अक्टूबर है।
हिमाचल प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा, भगवान रघुनाथजी की पारंपरिक रथ यात्रा के साथ शुरू हुआ, जबकि राज्य में अन्य जगहों पर रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतलों को जलाकर दशहरा मनाया गया। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शिमला के जाकू में 45 फुट ऊंचे रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतलों को जलाया। कुल्लू दशहरा इस लिहाज से अनूठा है कि वहां कोई रामलीला नहीं होती और कोई रावण का पुतला नहीं जलाया जाता और यह तब शुरू होता है जब देश के अन्य भागों में दशहरा खत्म होता है। (एजेंसी)