भारतीय सेना को मिलेंगे तीन अपाचे हेलिकॉप्टर, जोधपुर में 22 जुलाई को शामिल होने की संभावना
भारतीय सेना को अपनी युद्ध क्षमता बढ़ाने के लिए तीन अत्याधुनिक अपाचे AH-64E हेलिकॉप्टर मिलने वाले हैं। सूत्रों के अनुसार, ये हेलिकॉप्टर 21 या 22 जुलाई 2025 तक जोधपुर पहुंचेंगे और 22 जुलाई को औपचारिक रूप से सेना में शामिल किए जा सकते हैं। ये हेलिकॉप्टर अमेरिका से 2020 में 600 मिलियन डॉलर की डील के तहत खरीदे गए छह हेलिकॉप्टरों की पहली खेप हैं। इन्हें पहले हिंदन एयर फोर्स स्टेशन पर उतारा जाएगा, फिर जोधपुर में तैनात किया जाएगा, जो पाकिस्तान सीमा के पास रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।
अपाचे हेलिकॉप्टर दुनिया के सबसे उन्नत हमलावर हेलिकॉप्टरों में से हैं, जिन्हें अमेरिकी कंपनी बोइंग बनाती है। ये हेलफायर मिसाइल, 30 एमएम चेन गन और रॉकेट पॉड से लैस हैं, जो दिन-रात और खराब मौसम में भी सटीक हमले कर सकते हैं। इनकी तैनाती जोधपुर में 451 आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन में होगी, जिसे मार्च 2024 में स्थापित किया गया था। यह स्क्वाड्रन पश्चिमी कमान के तहत पाकिस्तान सीमा पर बख्तरबंद युद्ध और त्वरित हमलों के लिए काम करेगा।
भारतीय वायुसेना पहले ही 2015 की डील के तहत 22 अपाचे हेलिकॉप्टर संचालित कर रही है, जो पठानकोट और जोरहट में तैनात हैं। लेकिन यह पहली बार है जब भारतीय सेना स्वतंत्र रूप से अपाचे हेलिकॉप्टर संचालित करेगी, जिससे जमीनी बलों के साथ तेज समन्वय और हमले की क्षमता बढ़ेगी। इन हेलिकॉप्टरों में आधुनिक संचार, नेविगेशन और सेंसर सिस्टम हैं, जो 128 लक्ष्यों को एक मिनट में ट्रैक कर सकते हैं।
हालांकि, इनकी डिलीवरी में देरी हुई। पहले मई-जून 2024 में डिलीवरी होनी थी, लेकिन आपूर्ति श्रृंखला की समस्याओं और वैश्विक भू-राजनीतिक बदलावों के कारण यह जुलाई 2025 तक टल गई। बाकी तीन हेलिकॉप्टर इस साल के अंत तक मिलने की उम्मीद है। यह कदम सेना के आधुनिकीकरण का हिस्सा है, जिसमें स्वदेशी प्रचंड और रुद्र हेलिकॉप्टर भी शामिल हैं। अपाचे की तैनाती से पाकिस्तान सीमा पर भारत की रक्षा और निगरानी क्षमता में इजाफा होगा।[](