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09 July 2025

यमन में भारतीय निमिषा प्रिया की फांसी, क्या 16 जुलाई से पहले बचाया जा सकता है?

केरल की 37 वर्षीय नर्स निमिषा प्रिया को यमन में 16 जुलाई 2025 को फांसी दी जानी है। उन पर 2017 में यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या का आरोप है। निमिषा सना की जेल में बंद हैं, जो हूती विद्रोहियों के नियंत्रण में है। भारत सरकार और उनका परिवार उन्हें बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है, लेकिन समय कम है।

निमिषा 2008 में बेहतर जिंदगी की तलाश में यमन गई थीं। 2014 में उन्होंने तलाल के साथ मिलकर एक क्लिनिक खोला, क्योंकि यमनी कानून में विदेशियों को स्थानीय साझेदार की जरूरत होती है। निमिषा का दावा है कि तलाल ने उनके साथ शारीरिक, मानसिक और आर्थिक शोषण किया। उन्होंने तलाल को बेहोश करने की कोशिश की ताकि अपना पासपोर्ट वापस ले सकें, लेकिन गलती से दवा की मात्रा बढ़ने से तलाल की मौत हो गई। 2018 में यमनी कोर्ट ने उन्हें मौत की सजा सुनाई, जिसे 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा।

निमिषा को बचाने के लिए ‘सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ ने क्राउडफंडिंग के जरिए 40,000 डॉलर जुटाए। यमनी कानून में ‘दियत’ या ब्लड मनी देकर सजा माफ कराई जा सकती है, लेकिन तलाल के परिवार के साथ बातचीत रुक गई है। निमिषा की मां प्रेमा कुमारी पिछले एक साल से यमन में हैं और परिवार से माफी मांग रही हैं। सामाजिक कार्यकर्ता सैमुअल जेरोम भी बातचीत में जुटे हैं।

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भारत सरकार इस मामले पर नजर रखे हुए है, लेकिन हूती विद्रोहियों के साथ राजनयिक संबंध न होने से मुश्किलें बढ़ रही हैं। 2024 में दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रेमा और निमिषा की बेटी को यमन जाने की इजाजत दी। जनवरी 2025 में ईरान ने हूती प्रभाव का इस्तेमाल कर मदद की पेशकश की, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला।

निमिषा के परिवार और समर्थकों को उम्मीद है कि आखिरी वक्त में तलाल का परिवार माफी दे देगा। अगर ब्लड मनी पर सहमति नहीं हुई या सरकार का हस्तक्षेप नहीं हुआ, तो 16 जुलाई को फांसी हो सकती है। यह मामला भारत में मानवाधिकार और प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा पर सवाल उठा रहा है।

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TAGS: Nimisha Priya, Yemen execution, Kerala nurse, blood money, Houthi rebels, Indian government, Save Nimisha Priya, Talal Abdo Mahdi, death penalty, diplomatic
OUTLOOK 09 July, 2025
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