पाकिस्तान पर भारत का व्यापारिक हमला: प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आयात पर पूर्ण प्रतिबंध
भारत ने पाकिस्तान से सभी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आयात पर तत्काल प्रभाव से पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह निर्णय जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद बढ़े तनाव के बीच लिया गया है। वाणिज्य मंत्रालय ने 2 मई को जारी एक अधिसूचना में कहा कि यह प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक नीति के हित में लगाया गया है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) 2023 में एक नया प्रावधान जोड़ा है, जिसके तहत "पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले या वहां से निर्यात किए गए सभी सामानों का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात या पारगमन, चाहे वे स्वतंत्र रूप से आयात करने योग्य हों या नहीं, तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक प्रतिबंधित होगा।" इस प्रतिबंध से कोई छूट केवल भारत सरकार की पूर्व अनुमति से ही संभव होगी।
पहलगाम हमले, जिसके लिए लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने जिम्मेदारी ली थी। यह हमला भारत-पाकिस्तान संबंधों को और तनावपूर्ण बना दिया है। हमले के बाद भारत ने कई कड़े कदम उठाए, जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, वाघा-अटारी सीमा बंद करना, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना और भारतीय हवाई क्षेत्र को पाकिस्तानी उड़ानों के लिए बंद करना शामिल है।
यह व्यापार प्रतिबंध पाकिस्तान के निर्यात क्षेत्र, विशेष रूप से सीमेंट, कपड़ा और कृषि उत्पादों को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा, जो पहले से ही आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। 2018-19 में भारत-पाकिस्तान द्विपक्षीय व्यापार 2.56 बिलियन डॉलर था, जिसमें भारत का निर्यात 2.06 बिलियन डॉलर था। 2019 में पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान का मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) दर्जा रद्द कर 200% आयात शुल्क लगाया था, जिससे व्यापार पहले ही काफी कम हो गया था। वहीं भारत सरकार अब तीसरे देशों के माध्यम से होने वाले अप्रत्यक्ष निर्यात का डेटा संकलन कर रही है ताकि इस व्यापार को पूरी तरह रोका जा सके।