यमुना एक्सप्रेस वे पर छह बिल्डरों के 17 प्रोजेक्ट रद्द
प्राधिकरण का कहना है कि बिल्डर बिना नक्शा मंजूर कराए अवैध तरीके से इन प्रोजेक्ट का निर्माण करा रहे थे। इन प्रोजेक्ट्स को सपा-बसपा के शासन में मंजूरी मिली थी। बिल्डरों को अब नए सिरे से बिल्डिंग प्लान का नक्शा मंजूर करने के लिए आवेदन करना होगा। कुछ बिल्डरों ने तो बिना निर्माण कार्य के फ़लैट बुक कर रखा था।
मालूम हो कि जेपी इंफ्राटेक को यमुना एक्सप्रेस-वे का निर्माण करने के बदले प्रदेश सरकार से हुए समझौते के तहत पांच सौ हेक्टेयर जमीन एक्सप्रेस-वे के किनारे दी गई थी। नक्शा मंजूर कराने का आवेदन करने के बाद प्राधिकरण ने इस पर आपत्ति लगाई लेकिन इन बिल्डरों ने प्राधिकरण की आपत्ति का कोई जवाब नहीं दिया तथा उनका बिल्डिंग प्लान नियोजन विभाग में लटका रहा, जबकि नियमत आवेदन करने के छह माह में अगर बिल्डिंग प्लान का नक्शा मंजूर नहीं होता तो वह अपने आप रद्द माना जाता है।
बताया जाता है कि बिल्डरों ने सत्ता तक अपनी पहुंच का इस्तेमाल कर बिल्डिंग प्लान का नक्शा मंजूर न होने का परवाह नहीं की। प्राधिकरण के सीईओ ने फाइलों को तलब बिल्डिंग प्लान का नक्शा मंजूर होने पर आवेदन रद्द कर दिया।