देश में 72 करोड़ नॉन वर्कर हैं जिनमें से 3.7 लाख भिखारी
जबकि देश में मौजूद हर चौथा भिखारी मुस्लिम समुदाय से है। आंकड़ों के मुताबिक देश में फिलहाल कुल 3.7 लाख ऐसे लोग मौजूद हैं, जो किसी भी तरह का कम नहीं करते। ऐसे लोगों को 'भिखारी' की श्रेणी में रखा गया है। इसमें करीब 25 प्रतिशत मुसलमान हैं। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक 'भिखारी वर्ग' में ज्यादातर लोग समाज के उन विशेष हिस्सों से आते हैं जिन्हें सामान्य रूप से प्रतिनिधित्व नहीं मिला है या सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है।
आंकड़ों के मुताबिक देश में कुल 72.89 करोड़ नॉन वर्कर कैटेगरी के लोग हैं, जिनमें से 3.7 लाख लोगों को भिखारी वर्ग में रखा गया है। इनमें से कुल 92,760 लोग मुस्लमान हैं। बता दें कि जनगणना 2001 के मुकाबले देश में भिखारियों की संख्या 41% तक घटी है। जनगणना 2001 के मुताबिक उस वक़्त देश में भिखारियों की संख्या 6.3 लाख थी।
बाकी धर्म के लोगों पर नज़र डालें तो देश में 79.8% हिन्दू मौजूद हैं जबकि इसके मुकाबले में सिर्फ 2.68 लाख लोग ही भिखारी वर्ग में आते हैं। देश में ईसाई 2.3% हैं जबकि भिखारियों में इनकी हिस्सेदारी 0.88% है। बौद्ध-0.52%, सिख-0.45%, जैन-0.06% और बाकी की हिस्सेदारी 0.30% है। कुल भिखारियों में 53.13% पुरुष जबकि 46.87% महिला भिखारी शामिल हैं।