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05 April 2017

अफ्रीकी छात्रों पर हमला, सुषमा ने राजदूतों के बयान को दुखद बताया

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कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल की ओर से इस मुद्दे को उठाने पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में कहा कि अफ्रीकी देशों के डीन की ओर से यह कहना कि भारत के राजनीतिक नेतृत्व ने कुछ नहीं किया, यह तथ्यों से परे है। इस संबंध में एक स्थानीय युवक की मौत के बाद एक परिस्थिति उत्पन्न हुई जिसके बारे में कहा गया कि डग्स ओवरडोज के कारण उसकी मौत हुई। इसके अगले दिन कैंडल मार्च निकाला गया और उसी दौरान कुछ अफ्रीकी छात्रों की पिटाई हुई। ऐसा तब होता है जब ऐसी परिस्थिति में कुछ आपराधिक लोग मार्च में प्रवेश कर जाते हैं।

विदेश मंत्री ने कहा कि हर आपराधिक कृत्य नस्ली हमला नहीं हो सकता है। नस्ली घटना पूर्व निर्धारित होती है। यह कहना ठीक नहीं है कि राष्‍ट्रीय नेतृत्व ने कुछ नहीं किया। हमने घटना की जानकारी मिलते ही उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सम्पर्क किया।

उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री ने हमें निष्पक्ष जांच का भरोसा दिया। इस मामले की जांच चल रही है, अभी तक छह लोग गिरफ्तार किये गए हैं। हमें जांच के परिणाम आने का इंतजार करना चाहिए।

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सुषमा ने कहा,  जब तक जांच पूरी नहीं होती, इन हमलों को नस्ली नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि अमेरिका में जब भारतीयों पर हमले हुए थे तब भी हमने कहा था कि जांच रिपोर्ट का इंतजार करें। मोजांबिक में जब एक भारतीय की जान गई थी तब भी हमने उसे नस्ली हमला नहीं कहा था।

सुषमा स्वराज ने भारत में अफ्रीकी छात्रों पर हमले को लेकर अफ्रीकी देशों के राजदूतों के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण, दुखद और आश्चर्यजनक करार दिया।

उन्होंने कहा,  हम अफ्रीकी छात्रों समेत भारत में रहने वाले प्रत्येक देश के नागरिक की सुरक्षा को कृत संकल्पित हैं।

सुषमा स्वराज ने कहा कि एक अफ्रीकी महिला जिसके साथ मारपीट किये जाने की बात कही जा रही थी, उसने इससे इंकार किया और कहा कि उसने झूठ बोला था। उसके वीजा की मियाद समाप्त हो गई थी और वह अवैध रूप से रह रही थी।

उन्होंने कहा कि इस बारे में अफ्रीकी देश के डीन को हमने बुलाया था और उनसे बात की थी। विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया कि हम सभी अफ्रीकी लोगों की संरक्षा और सुरक्षा के लिए मुस्तैदी से बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि उन देशों का यह कहना कि वे अंतरराष्‍ट्रीय मानवाधिकार आयोग जायेंगे। तब हम उनसे यह कहना चाहते हैं कि हमारे यहां कौन से तंत्र की कमी है। मानवाधिकार आयोग है, न्यायपालिका है।

सुषमा ने कहा कि भारत सरकार ने जो कार्रवाई की है, उसे किसी भी तरह से अपर्याप्त नहीं कहा जा सकता है। हमारी सरकार जितने देश के नागरिक रहे रहे हैं, उनकी सुरक्षा के लिए कृत संकल्प है।

इससे पहले शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए कांग्रेस के के सी वेणुगोपाल ने कहा कि अफ्रीकी देशों के राजदूतों ने राजनीतिक नेतृत्व पर पर्याप्त कदम नहीं उठाने की बात कही है। इस बारे में अलग अलग तरह के बयान आ रहे हैं। सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। भाषा

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TAGS: अफ्रीका, मानवाधिकार आयोग, सरकार, सुषमा स्‍वराज, sushma swaraj, Africa, human authority
OUTLOOK 05 April, 2017
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