भाजपा की सोशल इंजीनिरिंग में मंत्री बने ‘अहोम’ राजेन गोहाईं
असम में जो मूलनिवासी का जो कार्ड खेलकर भाजपा सत्ता में आई है, राजेन गोहाईं उसके अहम खिलाड़ी और रणनीतिकार रहे हैं। उनका समुदाय राजनीति में प्रभुत्व रखता है। सोशल इंजीनियरिंग की आगे की रणनीति में भी वे अहम भूमिका निभा सकते हैं। सर्वानंद सोनोवाल के मुख्यमंत्री बनने के बाद से केंद्रीय कैबिनेट में असम का कोटा खाली चल रहा था। राजेन गोहाईं को उनकी जगह ही केंद्र में लाया गया और रेल राज्यमंत्री बनाया गया। नगांव से केंद्र में मंत्री बनने वाले वे दूसरे नेता हैं। इससे पहले देवेगौड़ा और गुजराल सरकार में नगांव से असम गण परिषद के मुहिराम सैकिया मंत्री बनाए गए थे। राजेन गोहाईं जिस अहोम समुदाय से आते हैं, उसमें कांग्रेस का बड़ा प्रभाव रहा है। कांग्रेस के तरुण गोगई इसी समुदाय से आते थे। इस समुदाय के बीच कांग्रेस का वर्चस्व कम करने और हाल के विधानसभा चुनाव में भाजपा के समर्थन के लिए राजेन गोहाईं को श्रेय मिला।
असम की भाजपा सरकार में हाई प्रोफाइल स्वास्थ्य मंत्री हिमंत विश्वशर्मा को विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस से तोड़कर लाने में सिद्धार्थ शर्मा के साथ गोहाईं की भी भूमिका रही। प्रद्योत गुहा जैसे भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने विश्वशर्मा को लाए जाने का विरोध किया था, लेकिन गोहाईं ने यह कहते हुए पैरवी की थी कि उनका आना भाजपा के लिए फायदेमंद होगा। हाल में एम्स निर्माण की जगह को लेकर गोहाईं के चुनाव क्षेत्र के लोग विश्वशर्मा से नाराज हो गए थे। विश्वशर्मा के चुनाव क्षेत्र जालुकाबाड़ी में राज्य सरकार ने 571 बीघा जमीन एम्स जैसा अस्पताल बनाने के लिए केंद्र सरकार को हस्तांतति किया। यूपीए सरकार के जमाने में प्रस्ताव नगांव के राहा में बनाए जाने का था। वहां के लोग सर्वानंद सोनोवाल सरकार के ताजा फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतर आए। गोहाईं ने भी अपने चुनाव क्षेत्र के लोगों के पक्ष में बात उठाई। बाद में तय हुआ कि राहा में आयुर्वेदिक एम्स बनाया जाएगा। इस मसले को गोहाईं और विश्वशर्मा के बीच टकराव बताया गया। लेकिन दरअसल यह अहोम समुदाय के लोगों की नाराजगी थी, जो सामने आई थी।
केंद्र में गोहाईं को लाकर इस समुदाय को संतुष्ट करने का प्रयास किया गया है। दूसरे, पूर्वोत्तर में रेल परियोजनाओं को लेकर केंद्र का विशेष जोर है। पूर्वोत्तर के मिजोरम और मणिपुर को रेलवे के ब्रॉडगेज नेटवर्क से जोड़ दिया गया है। पूर्वोत्तर के लिए 34 नई परियोजनाएं मंजूर की गई हैं। मिजोरम के भैरवी और मणिपुर के जिरिबाम से शिलचर के लिए ट्रेन चलनी शुरू हुई है। अगरतला से शिलचर, सियालदह, जिरिबाम और भैरवी के लिए चार ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इन परियोजनाओं को बड़ा आकार देने का एजेंडा भाजपा सरकार ने बना रखा है।