Advertisement
25 May 2015

नारायण साईं को हाईकोर्ट से मिली अस्थायी जमानत

अहमदाबाद। आसाराम के बेटे नारायण साईं को आज गुजरात उच्च न्यायालय ने तीन सप्ताह के लिए अस्थायी जमानत दे दी है ताकि वह अपनी बीमार मां से मिल सके। साईं की मां का आॅपरेशन होना है। नारायण साईं बलात्कार मामले में जेल में बंद है। न्यायाधीश वी. एम. पंचोली ने साईं को सशर्त अस्थायी जमानत दी है। जमानत अवधि के दौरान वह पुलिस की निगरानी में रहेगा। अदालत ने साईं से कहा कि अगले चार दिन में भी यदि उसकी मां का आपरेशन नहीं हो पाता है तो भी वह सूरत जेल से रिहाई के चौथे दिन आत्मसमर्पण कर दे।

दिसंबर 2013 से जेल में बंद साईं कल सूरत जेल से बाहर आ सकता है। साईं और उसके पिता आसाराम के खिलाफ बलात्कार के मामलों के गवाहों पर हमलों की खबरों के बीच साईं के लिए यह राहत की खबर आई है। आसाराम बलात्कार के एक मामले में जोधपुर की जेल में बंद है। एक प्रमुख गवाह महेंद्र चावला पर इस साल 13 मई को हरियाणा के पानीपत जिले में हमला किया गया था। अब तक बलात्कार के मामले में गवाही देने वाले दो लोगों की हत्या हो चुकी है और चावला समेत चार लोगों पर हमले हो चुके हैं।

 

Advertisement

क्‍या था मामला 

साईं सूरत की दो बहनों द्वारा दर्ज कराए गए बलात्कार के मामले में दिसंबर 2013 से जेल में बंद है। सूरत की इन दो बहनों ने साईं और आसाराम के खिलाफ बलात्कार की दो अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई थीं। साईं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत बलात्कार, अप्राकृतिक सेक्स, गलत ढंग से बंधक बनाने, गैर कानूनी रूप से जुटने, घातक हथियारों के साथ दंगा करने, आपराधिक धमकी और आपराधिक षडयंत्रा जैसे मामले दर्ज हैं। छोटी बहन ने अपनी शिकायत में साईं पर आरोप लगाया था कि वर्ष 2002 और 2005 के बीच जब वह सूरत स्थित आश्रम में रह रही थी, तब साईं ने लगातार उसका यौन उत्पीड़न किया।

 

गवाहों की हत्‍या पर उठे सवाल 

आसाराम और नारायाण साईं से जुड़े मामलों में कई गवाहों की हत्‍या हो चुकी है। पिछले साल जून में गुजरात के रहने वाले एक गवाह अमृत प्रजापति की राजकोट स्थित उनके क्लीनिक में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अभियोजन पक्ष के एक अन्य गवाह अखिल गुप्ता की भी उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उच्च न्यायालय ने 16 अप्रैल को साईं को तीन सप्ताह की जमानत दी थी ताकि वह अहमदाबाद के अस्पताल में अपनी मां लक्ष्मीबेन के आॅपरेशन के दौरान वहां मौजूद रह सके। हालांकि 29 अप्रैल को उच्चतम न्यायालय ने इस आदेश में यह कहकर बदलाव कर दिया था कि साईं को उसकी मां के आॅपरेशन की तिथि तय होने के बाद ही जमानत पर रिहा किया जाएगा।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: आसाराम, नारायण साईं, जमानत, गुजरात हाईकोर्ट, AASARAM, NARAYAN SAI, GUJARAT HIGH COURT, BAIL
OUTLOOK 25 May, 2015
Advertisement