बाबरी विध्वंस मामला : आडवाणी-उमा के खिलाफ सुनवाई गुरुवार को होगी
कोर्ट की पीठ में जस्टिस रोहिंग्टन के न होने से सुनवाई टल गई। इन नेताओं पर से आपराधिक साजिश रचने के आरोप हटाए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई होनी थी। हालांकि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि महज टेक्नीकल ग्राउंड पर इनको राहत नहीं दी जा सकती और उनके खिलाफ साजिश का ट्रायल चलना चाहिए।
अदालत ने कहा था कि बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले दो अलग अलग अदालतों में चल रही मामले की सुनवाई एक जगह क्यों न हो?
कोर्ट ने पूछा था रायबरेली में चल रहे मामले की सुनवाई को क्यों न लखनऊ ट्रांसफर कर दिया जाए, जहां कारसेवकों से जुड़े एक मामले की सुनवाई पहले से ही चल रही है। वहीं लालकृष्ण आडवाणी की ओर से इसका विरोध किया गया था। कहा गया कि इस मामले में 183 गवाहों को फिर से बुलाना पड़ेगा जो काफी मुश्किल है। कोर्ट को साजिश के मामले की दोबारा सुनवाई के आदेश नहीं देने चाहिए।
दरअसल आडवाणी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी और भाजपा, विहिप के अन्य नेताओं पर से आपराधिक साजिश रचने के आरोप हटाए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। इन अपीलों में इलाहाबाद हाईकोर्ट के 20 मई 2010 के आदेश को खारिज करने का आग्रह किया गया है। हाईकोर्ट ने विशेष अदालत के फैसले की पुष्टि करते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) हटा दिया था।