एक करोड़ लोगों का बैंक एकाउंट डाटा लीक, दिल्ली में गिरोह का भंडाफोड़
मामले की जांच गई तो बैंक खाते की जानकारी बेचने वाले पूरे मामले का खुलासा हुआ। पता चला कि इस मॉड्यूल में बैंक में काम करने वालों और कॉल सेंटर्स से जानकारी निकलवाई जाती थी और फिर उसे बेच दिया जाता था।
दक्षिण-पूर्वी जिले के डीसीपी आर वानिया ने दावा किया कि मॉड्यूल के मास्टरमाइंड को अरेस्ट करने के बाद पुलिस ने एक करोड़ लोगों के बैंक अकाउंट्स की जानकारी रिकवर की। सस्ते रेट में बेची जाने वाली जानकारी में आपका कार्ड नंबर, कार्ड होल्डर का नाम, जन्मतिथि और मोबाइल नंबर है। यह सारा डाटा कई कैटेगरीज में बंटा हुआ हैए जिसका कुल साइज 20 जीबी से ज्यादा है।
अरेस्ट किया गया पूरन गुप्ता डाटा बल्क में बेचता था। 50 हजार लोगों का डाटा बेचने के वह 10 से 20 हजार लेता था। बताया जा रहा है कि आरोपी ने डाटा मुंबई के एक सप्लायर से खरीदा था। डाटा खरीदने वाले इसकी मदद से बैंक के कर्मचारी बनकर लोगों को फोन करते थे और उनको सीवीवी नंबर और ओटीपी शेयर करने को कहते थे। जिसकी मदद से वह बैंक अकाउंट से पैसे निकालने में सफल हो जाते थे। किसी भी बैंक अकाउंट होल्डर की सारी डिटेल्स होने के कारण लोग इस जाल में फंस जाते थे। इसके अलावा वह रिवॉर्ड पॉइंट्स, कार्ड ब्लॉक जैसे बहाने बना कर पासवर्ड निकलवा लेते थे।
इससे पहले उसके सहयोगी आशीष को पहले ही अरेस्ट किया जा चुका है। आशीष इससे पहले बैंक और वित्तीय संस्थानों सेल्स एग्जिक्यूटिव के पद पर काम कर चुका है। उसने 2013 में हेल्थ इंश्योरेंस बेचने के लिए टेलिकॉलिंग का काम शुरू किया था