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05 December 2016

मौत के दस साल बाद भी नहीं बना संग्रहालय, बिस्मिल्लाह खान की 5 शहनाइयां हुईं चोरी

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दस बरस पहले बिस्मिल्लाह खान के इंतकाल के बाद से ही उनकी याद में संग्रहालय बनाने की मांग होती रही लेकिन अभी तक कोई संग्रहालय नहीं बन सका। एेसे में उनकी अनमोल धरोहरें उनके बेटों के पास घर में संदूकों में पड़ी हैं जिनमें से पांच शहनाइयां रविवार रात चोरी हो गई।

बिस्मिल्लाह खान के पौत्रा रजी हसन ने वाराणसी से भाषा को बताया, हमें रविवार रात को इस चोरी के बारे में पता चला और हमने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है। चोरी गए सामान में चार चांदी की शहनाइयां और एक लकड़ी की शहनाई, इनायत खान सम्मान और दो सोने के कंगन थे।

उन्हाेंने बताया, हमने पिछले दिनों दालमंडी में नया मकान लिया है लेकिन 30 नवंबर को हम सराय हरहा स्थित पुश्तैनी मकान में आये थे जहां दादाजी रहा करते थे। मुहर्रम के दिनों में हम इसी मकान में कुछ दिन रहते थे। जब नये घर लौटे तो दरवाजा खुला था और संदूक का ताला भी टूटा हुआ था। अब्बा : काजिम हुसैन : ने देखा कि दादाजी की धरोहरें चोरी हो चुकी थीं।

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हसन ने कहा, ये शहनाइयां दादाजी को बहुत प्रिय थीं। इनमें से एक पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिंहराव ने उन्हें भेंट की थी, एक पूर्व :रिपीट पूर्व :केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने और एक राष्‍ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद यादव ने दी थी जबकि एक उन्हें उनके एक प्रशंसक से तोहफे में मिली थी।

उन्होंने कहा, इनमें से एक उनकी सबसे खास शहनाई थी जिसे वह मुहर्रम के जुलूस में बजाया करते थे। अब उनकी कोई शहनाई नहीं बची है। शायद रियाज के लिये इस्तेमाल होने वाली लकड़ी की कोई शहनाई बची हो। उनकी धरोहरों के नाम पर भारत रत्न सम्मान, पदमश्री, उन्हें मिले पदक वगैरह हैं।

यह पूछने पर कि इतनी अनमोल धरोहरें उन्होंने घर में क्याें रखी थीं, हसन ने कहा कि पिछले दस साल से उनका परिवार इसकी रक्षा करता आया था तो उन्हें लगा कि ये सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा, हमें पहले उम्मीद थी कि दादाजी की याद में संग्रहालय बन जायेगा लेकिन नहीं बन सका। हम इतने साल से उनकी धरोहरों को सहेजे हुए थे। हमें क्या पता था कि घर से उनका सामान यूं चोरी हो जायेगा। भाषा एजेंसी 

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TAGS: बिस्मिल्लाह खान, शहनाइयां, बनारस, संग्रहालय, भारत रत्‍न, bismillah khan, banaras, indtrument, stolen
OUTLOOK 05 December, 2016
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