भाजपा के चुनावों में 59 फीसदी विज्ञापन, सबको पीछे छोड़ा
पंजाब में सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल-भाजपा के एकजुट होकर चलाए गए प्रचार अभियान को शामिल नहीं किया गया है। कुल विज्ञापनों में एसएडी-भाजपा का हिस्सा 11% रहा। इंडस्ट्री के सूत्रों का कहना है कि भाजपा ने विधानसभा चुनावों के दौरान विज्ञापन पर 150 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। हालांकि इसकी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी। भाजपा के एक प्रवक्ता ने इस पर कोई विशेष जानकारी नहीं दी।
समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के ऐड वॉल्यूम्स मिलकर भी भाजपा के आंकड़े के आधे तक भी नहीं पहुंच रहा है। टोटल पॉलिटिकल कैंपेन में सपा के विज्ञापनों का हिस्सा 13%, बसपा का 12% और कांग्रेस का आंकड़ा करीब 4% रहा। जनवरी के दौरान राजनीतिक दलों ने विज्ञापन में सबसे ज्यादा निवेश किया।
टीवी चैनलों पर कुल 27,133 विज्ञापन प्रसारित किए गए, वहीं रेडियो पर 11,722 ऐड स्पॉट्स प्ले किए गए और 2,797 विज्ञापन प्रिंट मीडिया में जारी किए गए। इसके पहले नवंबर में सभी टीवी चैनलों पर कुल 5,754 विज्ञापन, रेडियो पर 3212 और प्रिंट मीडिया में 1,092 विज्ञापन जारी किए गए। नोटबंदी के बाद दिसंबर में राजनीतिक प्रचार कम रहा।
राज्यों के स्तर पर देखें तो यूपी में राजनीतिक विज्ञापनों में भाजपा का हिस्सा 69% रहा। उसके बाद एसपी का आंकड़ा 17%, बीएसपी का 12% तो कांग्रेस और लोकदल का 1-1% रहा। पंजाब में राजनीतिक विज्ञापनों में एसएडी-भाजपा का हिस्सा 39% रहा। उसके बाद भाजपा का हिस्सा (स्वतंत्र रूप से) 4%, कांग्रेस का 2% और आम आदमी पार्टी का 1% रहा।
गोवा में इस अध्ययन के लिए केवल प्रिंट मीडिया में आए विज्ञापनों को शामिल किया गया। गोवा में भाजपा का हिस्सा 39% और कांग्रेस का 37% रहा। महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी का आंकड़ा 13% और गोवा फॉरवर्ड पार्टी का 4% रहा।