सीबीआई छापों को तीस्ता ने बताया राजनीतिक साजिश
मुंबई। सीबीआई ने आज मुंबई में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के आवास और उनके संगठन के दफ्तर पर छापेमारी की है। गृह मंत्रालय की अनुमति के बिना विदेशी चंदा प्राप्त करने के मामले में यह कार्रवाई की है। मिली जानकारी के अनुसार, मुंबई में तीस्ता के चार ठिकानों की सीबीआई ने तलाशी ली है। इस कार्रवाई पर हैरानी जताते हुए तीस्ता ने कहा, हम सीबीआई जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं, इसके बावजूद अचानक उनके यहां छापेमारी की जा रही है। सीबीआई सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय के तहत आती है और यह कार्रवाई उन्हें डराने और अपमानित करने के लिए की जा रही है, क्योंकि उनका संगठन गुजरात दंगा पीड़ितों की मदद कर रहा है।
तीस्ता सीतलवाड़ और उनके संगठन सबरंग कम्युनिकेशंस के खिलाफ सीबीआई ने गत 8 जुलाई को विदेशी चंदा नियमन कानून (एफसीआरए) के तहत मामला दर्ज किया था। सीबीआई की ओर से दर्ज एफआईआर में तीस्ता सीतलवाड़ के पति जावेद आनंद और गुलाम मोहम्मद पेशिमाम को भी नामजद किया गया है। ये दोनों सबरंग कम्यूनिकेशंस के डायरेक्टर हैं। गौरतलब है कि तीस्ता ने वर्ष 2002 में गुजरात दंगा पीडि़तों को इंसाफ दिलाने के लिए जोर-शोर से अभियान चलाया था। सीबीआई की छापेमारी का विरोध करते हुए सीतलवाड़ ने कहा, हमने सीबीआई को पूर्ण सहयोग देने की बात कहते हुए पत्र लिखकर बताया था कि हमारे खिलाफ जो भी कथित अपराध दर्ज किए गए हैं, हम सहयोग करेंगे। तो फिर हमें समझ नहीं आता कि इस पूरे अभियान का औचित्य क्या है? उन्होंने इसे एक राजनीतिक साजिश करार दिया है।
इससे पहले केंद्र सरकार ने अमेरिका के फोर्ड फाउंडेशन द्वारा सबरंग कम्यूनिकेशन एंड पब्लिशिंग प्राइवेट लिमिटेड को धन स्थानांतरित किए जाने के मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिया था। 26 जून को कंपनी के बैंक खाते पर रोक भी लगा दी थी। आरोप है कि सबरंग कम्युनिकेशंस ने फोर्ड फाउंडेशन से 2.9 लाख डाॅलर का अनुदान स्वीकार करने से पहले गृह मंत्रालय से स्वीकृति नहीं लेकर एफसीआरए के नियमों का उल्लंघन किया।