केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार फिर आमने-सामने, मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा
नई दिल्ली। केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार एक बार फिर आमने-सामने आ गए हैं। इस बार मामला कोलकाता हवाई अड्डे पर तृणमूल कांग्रेस के नेता की पत्नी के सामान की जांच को लेकर शुरू हुआ है। कहा जा रहा है कि कोलकाता हवाई अड्डे पर कस्टम अधिकारियों ने टीएमसी के सांसद और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे की पत्नी के सामान की जांच की तो कुछ देर बार पश्चिम बंगाल की पुलिस ने हवाई अड्डे पर पहुंचकर कस्टम अधिकारियों को परेशान किया और धमकियां दी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने घटना को अत्यंत गंभीर करार दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले को गंभीर बताया
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि किसी ने हमारा ध्यान इस घटना की ओर दिलाया है। यह अत्यंत गंभीर मामला है। हमें नहीं पता कि किसका दावा सही है। इस बेंच में जस्टिस संजीव खन्ना भी शामिल हैं। बेंच ने वरिष्ठ अधिवक्ता ए. एम. सिंघवी के उस सुझाव पर गौर नहीं किया जिसमें उन्होंने कहा था कि याचिका पर नोटिस जारी करने की आवश्यकता नहीं है।
कस्टम अधिकारी और पुलिस में विवाद
पिछले 29 मार्च को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कोलकाता में सुभाष चंद्र बोस इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कस्टम अधिकारियों को स्थानीय पुलिस ने परेशान किया और धमकाया क्योंकि उन्होंने टीएमसी के सांसद और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की पत्नी के सामान की जांच की थी। केंद्र ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में पूरी तरह अराजकता की स्थिति बनी हुई है।
हवाई अड्डे पर सामान की जांच की तो पुलिस ने धमकाया
सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि 15-16 मार्च की रात को करीब 1.10 बजे दो महिलाएं एक अंतरराष्ट्रीय प्लाइट से कोलकाता हवाई अड्डे पर पहुंची तो कस्टम अधिकारियों ने उनके सामान की जांच की। उन्होंने बताया कि महिलाओं से सामान की जांच कराने को कहा गया तो उन्होंने विरोध किया। जब उनसे पासपोर्ट दिखाने को कहा गया तो वह वहां मौजूद अधिकारियों के साथ अभद्रता करने लगीं। हवाई अड्डे से महिलाओं के जाने के बाद बड़ी संख्या में स्थानीय पुलिस के लोग हवाई अड्डे के अंदर घुस आए और उन्होंने महिलाओं के सामान की जांच करने के लिए कस्टम अधिकारियों को गिरफ्तार करने का प्रयास किया। मेहता ने कहा कि पश्चिम बंगाल में पूरी तरह संस्थागत अराजकता व्याप्त हो गई है।
पुलिस ने दर्ज नहीं की एफआइआर
कस्टम अधिकारियों ने एफआइआर दर्ज कराने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई केस दर्ज नहीं किया है। कस्टम के सहायक आयुक्त ने हवाई अड्डे पर पुलिस के प्रभारी निरीक्षक को 22 मार्च को एक पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा कामकाज में व्यवधान डालने और आपराधिक घुसपैठ करने के लिए एफआइआर दर्ज की जाए। कस्टम के इस अधिकारी ने पत्र में बताया था कि जिन दो महिलाओं के सामान की जांच की गई, उनमें से एक टीएमसी के सांसद और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के भतीजे की पत्नी थी। कस्टम अधिकारी ने आरोप लगाया कि कई समूहों में आए पुलिस कर्मियों ने अधिकारियों को परेशान किया और गिरफ्तार करने की धमकी दी।
पुलिस ने शिकायत मिलने की बात कही
पुलिस कस्टम अधिकारियों के स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के बारे में पूछ रहे थे जिसके तहत वीआइपी लोगों को बिना जांच के लिए बाहर जाने अनुमति दी जाती है। पुलिस कर्मियों का दावा था कि उन्हें उन दो में से एक महिला की ओर से शिकायत मिली है कि कस्टम अधिकारियों कथित रूप से परेशान किया और धमकाकर रिश्वत की मांग की।