समय पर डिग्री पूरी नहीं कर सकने वाले छात्रों को डीयू नहीं देगी दूसरा मौका
विशेष अवसर प्रावधान के तहत बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले छात्रों को अपनी अनुपस्थिति का तर्कसंगत एवं उचित कारण बताने पर अनुमति दी जाती थी कि वे वर्षों बाद भी लंबित परीक्षाएं दे सकें।
विश्वविद्यालय की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई कार्यकारी परिषद :ईसी: ने पिछले सप्ताह प्रावधान हटाने का फैसला करते हुए कहा कि छात्रों को समय पर डिग्री पूरी करनी चाहिए।
ईसी के सदस्य ने कहा, छात्रा यहां पढ़ने आते हैं। वह समय पर अपनी डिग्री पूरी क्यों नहीं कर सकते?
उन्होंने कहा कि यदि किसी वाजिब कारण जैसे कि स्वास्थ्य संबंधी कारण या शादी की वजह से छात्रा की बढ़ाई बाधित होती है तो उसे इसे पूरा करने के लिए कुछ अतिरिक्त समय दिए जाने का प्रावधान पहले ही है। उन्होंने कहा, इसके अलावा अवसर दिए जाने की कोई आवश्यकता नहीं है।
इस तरह, डीयू के नियमानुयार अंडरग्रेजुएट छात्रों को नाम दर्ज कराने की तिथि से लेकर छह साल के भीतर अपनी डिग्री पूरी करनी होगी जबकि स्नातकोत्तर की डिग्री चार साल में पूरी हो जानी चाहिए।
एक दशक तक बहस का विषय रहा यह प्रावधान वर्ष 2012 में हटा दिया गया था लेकिन छात्रों के विरोध के बाद इसे फिर से लागू किया गया था। भाषा