नोएडा की एमएलएम कंपनी पर 5000 करोड़ रुपये ठगी का आरोप, दो प्रमोटर गिरफ्तार
नोएडा की मल्टीलेवल मार्केटिंग (एमएलएम) कंपनी ई-बिज के मैनेजिंग डायरेक्टर पवन मल्हान और उनके पुत्र हितिक मल्हान को तेलंगाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। कंपनी और उसके प्रमोटरों पर देश भर में लाखों लोगों से करीब 5000 करोड़ रुपये ठगने का आरोप है।
हैदराबाद पुलिस ने नई दिल्ली में गिरफ्तार किया
जांच में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने हैदराबाद मोहम्मद शारूक की शिकायत पर कंपनी के प्रमोटरों के खिलाफ केस दर्ज किया है। वैसे कंपनी के खिलाफ दूसरे थानों में भी तीन केस दर्ज हुए हैं। पुलिस ने दोनों को नई दिल्ली में सोमवार को गिरफ्तार किया। शिकायतकर्ता ने कंपनी और उसके प्रमोटरों पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने गिरफ्तार करके दोनों को मंगलवार को अदालत में पेश किया।
ईडी ने भी पहले केस दर्ज किया था
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभन्न धाराओं और प्राइज चिट्स एंड मनी सर्कुलेशन स्कीम (बैनिंग) एक्ट 1978 के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार कंपनी के खिलाफ इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी केस दर्ज किया था।
पुलिस को बैंक खातों में मिले 389 करोड़ रुपये
पुलिस ने ईबिज.कॉम प्रा. लि., उसके डायरेक्टरों और आरोपी व्यक्तियों के बैंक खाते जब्त कर दिए हैं। इन खातों में 389 करोड़ रुपये जमा है। नोएडा स्थित कंपनी का मुख्यालय भी सील कर दिया गया है। मामले की गहराई से जांच की जा रही है।
17 लाख सदस्य जुड़े हैं कंपनी से
साइबर आर्थिक अपराध शाखा के बयान के अनुसार यह मनी सर्कुलेशन कंपनी को 2001 में स्थापित किया गया था और नई दिल्ली के रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) के यहां पंजीकृत कराया गया था। कंपनी में पवन मल्हान मैनेजिंग डायरेक्टर, उनकी पत्नी अनिता मल्हान और बेटा हितिक मल्हान डायरेक्टर हैं। कंपनी का पूरा संचालन इन्हीं लोगों के हाथों में हैं। कंपनी से करीब 17 लाख सदस्य प्रतिनिधि के तौर पर जुड़े हैं। अनुमान है कि कंपनी अब तक धोखाधड़ी करके सदस्यों से करीब 5000 करोड़ रुपये जुटा चुकी है।
सदस्यता शुल्क था 16,821 रुपये, फिर मिलता था कमीशन
कंपनी युवाओं को टारगेट करती थी। शुरू में सदस्य 16,821 रुपये जमा करके सदस्य बनता था। अगर सदस्य बाद में जितने भी सदस्य बनाता था, उनके द्वारा जमा कराई जाने वाली राशि पर चार फीसदी कमीशन मिलता था। पुलिस के अनुसार ईबिज ने पिरामिड स्कीम की तरह का बिजनेस मॉडल अपनाया था। जिसमें शुरू में शामिल हुए लोगों को नए सदस्य जुड़ने के साथ ही ज्यादा फायदा मिलता है।