Advertisement
26 July 2016

देवास-एंटिक्‍स सौदा : पंचाट ने भारत सरकार के खिलाफ फैसला दिया

google

इसके अनुसार हेग स्थित मध्यस्थ निर्णय की एक स्थायी अदालती :पीसीए: न्यायाधिकरण ने पाया कि अनुबंध रद्द करने तथा देवा को एस बैंड स्पेक्‍ट्रम के वाणिज्यिक इस्तेमाल की अनुमति नहीं देने की भारत सरकार कार्रवाई स्वामित्वहरण का मामला है। कंपनी के बयान के अनुसार मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने यह निर्णय सोमवार को सुनाया। इसमें उसने यह भी माना कि भारत सरकार ने देवास के विदेशी निवेशकों के साथ निष्पक्ष व न्यायोचित व्यवहार करने की अपनी संधिगत प्रतिबद्धताओं का भी उल्लंघन किया है।

उल्लेखनीय है कि पीसीए संयुक्त राष्‍ट्र अंतरराष्ट्रीय व्यापार कानून आयोग के पंचनिर्णय प्रक्रिया संबंधी नियमों के तहत विभिन्न सरकारों से जुड़े मामलों को देखता है जिनमें निवेश समझाैैतों से जुड़े दावे भी हैं। वहीं इसरो के अधिकारियों ने यहां कहा कि उन्हें इसका ब्यौरा अभी नहीं मिला है। देवास-एंटिक्स अनुबंध के रद्दीकरण मामले में किसी अंतरराष्‍ट्रीय न्यायाधिकरण का यह दूसरा फैसला है। देवास का कहना है कि पंचों की सर्वसम्मति के इस फैसले में न्यायाधिकरण में भारत द्वारा नियुक्त पंच की राय भी शामिल है। उल्लेखनीय है कि सितंबर 2015 में इंटरनेशनल चैंबर आफ कामर्स :आईसीसी: की मध्यस्थता निकाय कोर्ट आफ आर्बिटेशन ने एंटिक्स से कहा था कि वह देवास मल्टीमीडिया को लगभग 4432 करोड़ रुपए का भुगतान नुकसान के मुआवजे के रूप में करे। कोर्ट का कहना था कि एंटिक्स ने देवास मल्टीमीडिया के साथ सौदे को गैर कानूनी तरीके से समाप्त किया। भाषा एजेंसी 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: देवास, एंटिक्‍स, पंचाट, अंतरराष्‍ट्रीय, मल्‍टीमीडिया, वाणिज्यिक करार, मुआवजा, भारत, सरकार, indian government, antrix, devas, international, deal, multi media, fine
OUTLOOK 26 July, 2016
Advertisement