ईवीएम से छेड़छाड़ : आयोग ने कहा कि इस आरोप का कोई आधार नहीं
बसपा प्रमुख मायावती ने लखनउ में संवाददाता सम्मेलन में कहा, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड के चुनाव परिणाम हैरान करने वाले और किसी के भी गले से उतरने वाले नहीं है। ऐसा लगता है कि ईवीएम ने भाजपा के अलावा किसी अन्य पार्टी के लिए डाले गए मत स्वीकार ही नहीं किए।
उन्होंने कहा, यह आम चर्चा का विषय है कि यदि किसी अन्य पार्टी के लिए कोई बटन दबाया गया होगा, तो वोट भाजपा के समर्थन में ही पड़ा होगा।
उन्होंने चुनाव आयोग से अपील की कि वे परिणाम रोककर पारंपरिक बैलेट पेपर का इस्तेमाल करके फिर से चुनाव कराए।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मायावती द्वारा ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप लगाए जाने पर कहा अगर ईवीएम पर सवाल उठा है तो सरकार को सोचना चाहिये। मैं भी बूथ की समीक्षा करूंगा। मगर अगर सवाल उठे हैं तो सरकार को जांच करा लेनी चाहिये।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, किसी विपक्षी पार्टी की एक वरिष्ठ नेता मायावती ने पूरी लोकतांत्रिक प्रक्रिया और उत्तर प्रदेश में उपयोग में लायी गयी ईवीएम की भी निष्पक्षता पर गंभीर और मौजूं सवाल खड़े किए हैं।
उन्होंने कहा, चाहे उनके संदेह ठोस हो या बेबुनियाद, चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता, ईमानदारी पर सभी तरह का संदेह मिटाने के लिए इस मामले का चुनाव आयोग द्वारा समाधान किया जाना चाहिए। चुनाव प्रक्रिया हमारी लोकतांत्रिक परंपराओं को बरकरार रखने का आधार है।
उन्होंने कहा, हमें पक्का विश्वास है कि चुनाव आयोग आपत्तियों पर गौर करेगा और मायावतीजी द्वारा उठाए जाने के बाद लोगों के बीच जो संदेह फैला है, उसे दूर करेगा, हालांकि चुनाव आयोग ने मायावती से कहा, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड चुनावों में राजनीतिक दलों एवं उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में निर्धारित प्रशासनिक प्रक्रिया का पूरी तरह पालन किया गया।
अत: आयोग को आपके लगाए आरोपों का कोई आधार नजर नहीं आता और आपके पत्र में किया अनुरोध कानूनी रूप से मानने योग्य नहीं है। भाषा