Advertisement
16 March 2017

आईएएस अधिकारियों की संख्‍या में कमी, काम आखिर कैसे हो?

google

समिति ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि केंद्र और राज्य में महत्वपूर्ण पदों पर अधिकारियों की कमी के कारण प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो रहा है।

संसद में कार्मिक, लोक शिकायत, कानून एवं न्याय से जुड़ी स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि आईएएस अधिकारियों की कमी 1951 से चिरस्थायी समस्या बनी हुई है और अब यह स्थिति खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है। इसने संसद को बताया कि 6,396 स्वीकृत पदों में सिर्फ 4,926 पद ही भरे हुए हैं।

समिति ने इन रिक्तियों को भरने के लिए व्यापक प्रयास करने की अनुशंसा की है। इसने अपनी सिफारिश में कहा है कि लाल बहादुर शास्त्री नैशनल अकेडमी ऑफ ऐडमिनिस्ट्रेशन (एलबीएसएनएए) की क्षमता का इस्तेमाल कर और अधिक आईएएस अधिकारियों को ट्रेनिंग दिलाई जानी चाहिए।

रिपोर्ट के मुताबिक, पैनल को यह जानकारी मिली है जरूरी 1470 पदों में से 900 पद सीधी भर्ती कोटा से हैं और बाकी राज्य के प्रमोशन कोटा से जुड़े हैं। कार्मिक प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने समिति को बताया कि ये भर्तियां अचानक नहीं की जा सकती क्योंकि हर साल सिर्फ 180 आईएएस अधिकारियों की ही ट्रेनिंग देने की क्षमता है और अगर बड़े स्तर पर एक साथ अधिकारियों की भर्ती कर दी जाए तो काडर मैनेजमेंट में दिक्कत आ सकती है।

Advertisement

वहीं,एलबीएसएनएए के निदेशक ने डीओपीटी के दावे के विपरीत समिति को बताया कि यह हर साल 180 से अधिक अधिकारियों को ट्रेनिंग दे सकता है। समिति ने संसद को बताया कि यह बात समझ से परे हैं कि रिक्तियां भरने के लिए ट्रेनिंग की क्षमता को क्यों वजह के रूप में गिनाया जा रहा है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: आईएएस, कमी, प्रशासन, संसद, ias, shortage, admin, function
OUTLOOK 16 March, 2017
Advertisement