15 May 2017
तो बच सकती थी गैंगरेप पीड़िता की जान
पीड़िता के परिजनों ने यह आरोप लगाया है। उनका कहना है कि हत्या से पहले पुलिस से मदद मांगी गई थी लेकिन पुलिस ने इसे नजरअंदाज कर दिया। परिजनों का कहना है कि आरोपी सुमित उनकी बेटी को परेशान कर रहा था लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। अभी भी वे आरोपियों की दबंगई के खौफ में जी रहे हैं।
उधर, पीड़िता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी रोंगटे खड़े कर देने वाली है। इसमें पीड़िता के सिर पर किसी भारी हथियार से हमला करना व गैंगरेप से पहले नशीला पदार्थ खिलाने की बात कही गई है। पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में भी धारदार चीज डाली गई क्योंकि इस पार्ट पर चोट के निशान पाए गए है।