Advertisement
07 February 2017

नोटबंदी पर देश कहां जा रहा, मोदी भी नहीं जानते : अमेरिकी अर्थशास्‍त्री

google

 

उन्होंने कहा कि नोटबंदी हारने वालों के लिए है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी नहीं जानते कि आखिर नोटबंदी के बाद देश कहां जा रहा है। मराईलैंड के बाल्टीमोर स्थित जान्स हापकिन्स यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्री हांक ने ट्विटर पर लिखा है, 'नोटबंदी हारने वालों के लिए और इसे शुरू से ही गलत तरीके से लागू किया गया।' वाशिंगटन में कातो संस्थान में 'ट्रबल्ड करेंसी प्रोजेक्ट' के वरिष्ठ फेलो और निदेशक हांक ने इससे पहले कहा था, 'भारत के पास मोदी की नोटबंदी को स्वीकार करने के लिए जरूरी ढांचागत सुविधा नहीं है, उन्हें यह पता होना चाहिए।'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को 500 और 1,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने की घोषणा की थी। इसे कालाधन, नकली मुद्रा और भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करार दिया गया है। कुछ लोगों ने इसेे देशहित की दिशा में लिया गया अहम निर्णय करार दिया। भाजपा ने इस फैसले को बेहद उचित बताया वहीं कांगेस सहित अन्‍य विपक्षी दलों ने इसकी जमकर आलोचना की।

Advertisement

हालांकि नोटबंदी को लेकर आई दिक्कतों को सरकार ने भी स्वीकार किया और कहा कि कालेधन के खिलाफ लड़ाई में लोग परेशानी उठाकर भी हमारे साथ हैं। वहीं विपक्ष लगातार इस मामले को लेकर सरकार पर निशाना साध रहा है। विपक्ष का कहना है कि इससे कोई फायदा नहीं हुआ, बल्कि मजदूरों और किसानों को नोटबंदी ने बर्बाद करके रख दिया. दिहाड़ी मजदूरों को वापस अपने घर लौटना पड़ा क्योंकि दिहाड़ी मजदूरों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ा।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: नोटबंदी, पीएम मोदी, देश, अमेरिकी अर्थशास्‍त्री, american economist, pm modi, note ban, country, india
OUTLOOK 07 February, 2017
Advertisement