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04 August 2017

फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र से बीमा कंपनियों को ठगने वाले गैंग का पर्दाफाश

पुलिस का कहना है कि यह गिरोह बहुत ही संगठित तरीके से काम करता था। पुलिस ने प्रह्लाद गुप्ता और दिनेश गुप्ता नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया है। प्रह्लाद गुप्ता इस गैंग का सरगना था। प्रह्लाद गुप्ता और उसकी पत्नी कई बीमा कंपनियों में एजेंट थे और इन्होंने फर्जीवाड़े के लिए कई लोगों को अपने साथ जोड़ रखा था। यह गैंग लोगों को मोटा लालच देकर अपने जाल में फंसाता था और इसके बाद ये लोग फर्जीवाड़ा करके बीमा कंपनी से रकम वसूल करते थे। पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि इस गिरोह ने अब तक कितनी घटनाओं को अंजाम दिया है?

ऐसे होता था फर्जीवाड़ा

इंटर स्टेट क्राइम ब्रांच के डीसीपी मधुर वर्मा के मुताबिक, गिरोह लोगों को फर्जी तरीके से बीमा दिलवाता था। ये लोग एक-दो किश्त जमा करने के बाद फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर बीमा कंपनी में उसके ‘नॉमिनी’ के नाम पर रकम दिलवाते थे। फर्जीवाड़ा करने के लिए तैयार शख्स और गिरोह के बीच 50-50 फीसदी की हिस्सेदारी पर डील तय होती थी। पह्लाद गुप्ता के साथ गिरफ्तार किया गया दूसरा आरोपी दिनेश गुप्ता की मृत्यु के जाली प्रमाण पत्र बनवाकर इन लोगों ने बीमा के करीब 30 लाख रुपये लेने की पूरी तैयारी कर ली थी। जिस प्राइवेट कंपनी से बीमा की रकम लेने का प्रयास किया जा रहा था  उसमें भी इन लोगों ने दस्तावेज भी जमा करा दिए थे। इसी बीच क्राइम ब्रांच को गिरोह के बारे में गुप्त सूचना मिली और पूरे मामले का खुलासा हो गया। आरोपी दिनेश ने पूछताछ में बताया है कि गिरोह का सरगना पह्लाद गुप्ता दिल्ली के लक्ष्मीनगर से फर्जीवाड़े के इस नेटवर्क का संचालन करता था। उसी ने झज्जर से दिनेश का फर्जी मृत्यु प्रमाण बनवाया था, जिसमें मौत का कारण टीबी की बीमारी से होने की बात कही गई थी।

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प्रमाणपत्र बनाने की जांच

इसके साथ ही इंटर स्टेट क्राइम ब्रांच इस मामले की भी जांच कर रहा है कि झज्जर नगर निगम से एक जीवित व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र किस तरह से बन गया। पुलिस का मामना है कि इस गैंग की वहां के कर्मचारियों से मिलीभगत रही है इसलिए वहां के कर्मचारियों और अधिकारियों से भी जल्द ही पूछताछ की जाएगी।

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OUTLOOK 04 August, 2017
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