Advertisement
07 February 2017

कर्नाटक के कलबुर्गी में 2200 महिलाओं का गर्भाशय निकाला

google

इस पूरे मसले में जिन 2200 महिलाओं के गर्भाशय को निकाले जाने का मामला सामने आया है, वो लुंबानी और दलित समुदाय से ताल्लुक रखती हैं। पीड़ित महिलाओं की उम्र 40 साल तक है। पेट में दर्द की शिकायत लेकर जब वो अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचती थीं तो डॉक्टर उन्हें पेट में कैसर बता कर डरा देते थे और गर्भाशय (यूट्रस) निकलवाने की सलाह देते थे। महिलाओं ने डर के चलते अपना गर्भाशय निकलवा दिया।

इस घटना के बाद हजारों महिलाओं और एक गैर सरकारी संगठन ने एक साथ मिलकर अपनी आवाज बुलंद कर उन अस्पतालों का लाइसेंस जब्त करने की मांग की। पीड़ित महिलाओं ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि स्थानीय प्रशासन को इस मामले की जानकारी है। लेकिन प्रशासनिक कार्रवाई नहीं की गई।

इन अस्पतालों का लाइसेंस तक जब्त नहीं किया गया। अक्टूबर 2015 में स्वास्थ्य विभाग की जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में इन अस्पतालों के लाइसेंस जब्त करने का भरोसा दिया गया। लेकिन आज भी ये अस्पताल धड़ल्ले से चल रहे हैं। विनय श्रीनिवास, वकील और एएलएफ के सदस्य ने कहा कि अस्पताल ने इन महिलाओं से जल्दी पैसे लाने की मांग की थी। यह मानव अधिकारों का घोर उल्लंघन है और आईपीसी की धारा के तरत इसे अपराध की संज्ञा में आना चाहिए।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: कर्नाटक, कलबुर्गी, 2200 महिलाएं, गर्भाशय, डॉक्‍टर, doctors, karnataka, 2200 woman, uterus, kalburgi
OUTLOOK 07 February, 2017
Advertisement